उत्तर-पूर्व के लोगों को छेड़ने के लिए दिल्ली-मुंबई और देश अन्य हिस्सों में लोग अक्सर उन्हें चिंकी, चाइनीज और मोमोज कहकर नस्लीय टिप्पणियां करते हैं. लेकिन अब इस तरह की टिप्पणी करने वालों की खैर नहीं, क्योंकि उत्तर-पूर्व के लोगों को इस तरह परेशान करने वालों को अब सरकार बख्शने के मूड में नहीं है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कानून में संशोधन करके ऐसे लोगों के खिलाफ आर्थिक दंड के साथ ही पांच साल की सजा का प्रावधान भी रखा जाएगा.
दरअसल केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गठित समिति की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को संवददाताओं से कहा, ‘सरकार ने बेजबरुआ समिति की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार दिल्ली व अन्य महानगरों में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है.’
राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2014 में अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक नीडो पवित्र के 19 वर्षीय बेटे नीडो तानिया पर हमला और इस हमले में उसकी मौत के बाद सरकार ने पूर्वोत्तर परिषद के सदस्य एम.पी. बेजबरुआ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. समिति का गठन देश के विभिन्न भागों में रहे पूर्वोत्तर के लोगों की समस्याओं को चिह्न्ति करने तथा उसके समाधान के लिए उपयुक्त उपचारात्मक उपाय सुझाने के लिए किया गया था.
राजनाथ ने कहा, समिति की सिफारिशों के मुताबिक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में भी बदलाव लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘समित की सिफारिशों के मुताबिक नई धाराओं 153सी तथा 509ए को जोड़ने के लिए आईपीसी में संशोधन किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव पर कानून एवं न्याय मंत्रालय भी सहमत है.
गृहमंत्री कहा, ‘कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य के रूप में दिल्ली राज्य कानून सेवा प्राधिकार द्वारा पांच महिला वकीलों सहित सात वकीलों के एक पैनल का गठन किया गया है, जो पूर्वोत्तर राज्यों के जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता देने का काम करेंगे.’
राजनाथ ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर में हुई किसी भी हिंसा के लिए पीड़ित को आर्थिक सहायता देगी. मंत्री ने कहा, ‘विशेष पुलिस की पहल और अन्य राज्यों की पुलिस एवं दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए जाने वाले अतिरिक्त कदमों की सिफारिशों के तत्काल क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी गई है.’
- इनपुट IANS से