आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को नया जामा पहनाते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जोर दिया कि किसी भी तरह से आतंक को बढ़ावा देने वाले हर गुट के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने में देर नहीं करनी चाहिए.
मनमोहन सिंह ने एक बार फिर इस मंच पर साफ कर दिया कि कश्मीर का मसला द्विपक्षीय है और इसे शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये ही सुलझाया जाएगा. बतौर प्रधानमंत्री ये दूसरा मौका था जब मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र के बुनियादी ढांचे में बदलाव की जोरदार वकालत करने के साथ-साथ मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र को इक्कीसवीं सदी की सच्चाई को प्रतिबिंबित करना चाहिए.
इस मौके पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जगत को ये भरोसा दिया कि नागरिक परमाणु क्षेत्र में भारत-अमेरिका एटमी डील से परमाणु अप्रसार को मजबूती मिलेगी क्योंकि भारत इस बारे में अपने इरादे पहले ही साफ कर चुका है. साथ ही मनमोहन ने एक बार फिर कश्मीर पर भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ आपसी बातचीत से ही इस विवाद को सुलझाया जा सकता है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को तुरंत पास करने की भी जोरदार वकालत की.
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर प्रधानमंत्री ने मौजूदा आर्थिक संकट से बचने के रास्ते भी सुझाए. इसके अलावा उन्होंने पूरी दुनिया को इस बात के लिए भी चेताया कि अमीरी और गरीबी की बढ़ती खाई दुनिया भर के लिए बहुत बड़ा खतरा है, और अब दुनिया को तेल के अलावा पीने के पानी के बारे में ज्यादा चिंता करनी चाहिए.