इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिवसीय यात्रा के पहले दिन दिल्ली पहुंच गए हैं. नेतन्याहू के साथ उनकी पत्नी सारा नेतन्याहू का पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया. इसके बाद वो सबसे पहले तीन मूर्ति चौक गए.
तीन मूर्ति स्मारक पर बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके साथ पीएम मोदी और सारा नेतन्याहू भी मौजूद रहे. दरअसल, तीन मूर्ति स्मारक का इजरायल से गहरा संबंध है. यही वजह है कि इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति हाइफा चौक पर विजिटर्स बुक में लिखा कि तीन मूर्ति का चौक के नाम के साथ हाइफा जोड़ना एक ऐतिहासिक घटना है. इस मौके पर इजराइल के पीएम नेतन्याहू भी मौजूद हैं. हम अपने बहादुर जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. भारत के स्वार्थरहित बलिदान की भावना को सलाम करते हैं. पहले और दूसरे विश्व युद्ध के इतिहास की किताब का एक पन्ना 100 साल पहले लिखा गया था, जब हाइफा युद्ध में भारतीय जवानों ने बलिदान दिया था. यह प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने की 100वीं वर्षगांठ है. दोनों विश्व युद्ध के इतिहास की किताब में ऐसे कई सुनहरे पन्ने हैं, जिनमें भारत के बहादुरों के त्याग की कहानियां लिखी हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नेतन्याहू का स्वागत किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'मेरे दोस्त पीएम नेतन्याहू भारत में आपका स्वागत है. आपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है. ये दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी.'
पीएम ने अपने ट्वीट के साथ हैशटैग भी अलग अंदाज में लिखा. पीएम ने ट्वीट के साथ #ShalomNamaste यूज किया.
नेतन्याहू ने कहा-शुक्रिया
बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर पीएम मोदी का स्वागत किया. उन्होंने लिखा, 'हार्दिक स्वागत के लिए बहुत शुक्रिया मेरे अच्छे दोस्त.'
We have landed in India. Thank you to my good friend Narendra Modi for the warm welcome! https://t.co/mLsGxZT1E7
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) January 14, 2018
हाइफा की लड़ाई 23 सितंबर 1918 को लड़ी गई थी. इस वक्त देश में अंग्रेजों का राज था और अंग्रजों ने जोधपुर, हैदराबाद, मैसूर रियासत की सेना को हाइफा पर कब्जा करने के आदेश दिए और उसके बाद भारतीय सैनिकों ने हाइफा में तुर्की की सेना का सामना किया.
यह लड़ाई उस वक्त हुई, जब जर्मनी के साथ संबद्ध शक्तियों और तुर्क साम्राज्य के बीच एक के बाद एक लड़ाई हो रही थी, जिसे सिनाई और फिलिस्तीन अभियान कहा जाता था.