समंदर में अपनी पहली पेट्रोलिंग के बाद सोमवार को एटमी हथियार से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत स्वदेश लौट आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरिहंत की टीम का स्वागत किया और इस पनडुब्बी को दुश्मनों के लिए चुनौती बताया. इसके साथ ही भारतीय सेना अब जमीन, समंदर और हवा में एटमी हमले का जवाब देने की क्षमता से लैस हो गई है.
पीएम मोदी ने अरिहंत की टीम को संबोधित करते हुए कहा, 'आपका ये अभियान सुरक्षा और संरक्षा के लिए तपस्या है. अरिहंत का अर्थ है दुश्मनों को नष्ट करना. ये देश की सुरक्षा के लिए उपलब्धि है. एक बड़ा कदम है.'
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— ANI (@ANI) November 5, 2018
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'अरिहंत भारत के दुश्मनों के लिए खुली चेतावनी है कि भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस नहीं करे. सारा भारत आपका (अरिहंत) कृतज्ञ है. आज की ये सफलता है जिसे भारत ने अपने बल बूते हासिल किया है. ' उन्होंने कहा, 'भारत एक शांतिपूर्ण देश है. ये हमारी कमजोरी नहीं है. ये हमारी शक्ति है. भारत किसी को छेड़ता नहीं है लेकिन कोई छेड़ दे तो उसे छोड़ता नहीं है.'
आईएनएस अरिहंत के सेना में शामिल होने से भारत अब तिहरे एटमी हमले का मारक जवाब दे सकता है. जमीन पर अग्नि मिसाइल, हवा में लड़ाकू विमान और जल में अरिहंत के माध्यम से भारत एटमी हमलों का जवाब आसानी से दे सकता है. पीएम मोदी ने कहा, 'आईएनएस अरिहंत के कारण न्यूक्लियर ट्रायड हासिल करते हुए भारत एलिट देशों के साथ खड़ा हो गया है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने अरिहंत की सफल पेट्रोलिंग के लिए सभी क्रू मेंबर को बधाई दी. पीएम ने कहा कि भारत का न्यूक्लियर ट्रायड ऐतिहासिक है क्योंकि यह दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. धनतेरस के मौके पर देशवासियों को इसकी सूचना देते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'आज धनतेरस खास बन गया है. भारत का गौरव, एटमी हथियारों से लैस आईएएन अरिहंत
ने अपना पहला पेट्रोल पूरा कर लिया है. मैं सभी क्रू मेंबर्स को बधाई देता हूं जिन्होंने यह ऐतिहासिक काम पूरा किया.'
चीन और पाकिस्तान के मद्देनजर सुरक्षा की जरूरतों पर बल देते हुए पीएम ने कहा कि आज के जमाने में एटमी निवारण वक्त ही मांग है. एटमी निवारण का तात्पर्य इससे है कि भारत ने पहले एटमी हथियार का प्रयोग न करने का फैसला किया है लेकिन वैसी स्थिति में कर सकता है जब कोई दूसरा देश उस पर हमला करे.