एक श्रीलंकाई मंत्री ने मंगलवार को इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (आईपीकेएफ) पर एलटीटीई युद्ध के समय तमिल महिलाओं से रेप का आरोप लगाया है.
पूर्व एलटीटीई नेता 48 साल के विनयागमूर्ति मुरलीथरन उर्फ करुणा अब महिंद्रा राजपक्षे सरकार में उप मंत्री हैं. करुणा ने संसद में बताया कि आईपीकेएफ, जिसने श्रीलंका में 1987 से 1990 में पीसकीपिंग ऑपरेशन्स करवाए थे, उन्होंने तमिल महिलाओं का रेप किया और उनकी हत्या भी की.
करुणा का ये भी दावा है कि उनके पास इसके सबूत हैं. आईपीकेएफ को 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के मामले में उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में आमंत्रित किया गया था. करुणा अपना आंदोलन और अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने के लिए एलटीटीई से साल 2004 में अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने महिंद्रा राजपक्षे के साथ गठबंधन किया और उप मंत्री बन गए. उन्हें श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) का वाइस प्रसीडेंट भी बनाया गया.
इसी बीच, विपक्षी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने कहा कि करुणा, एक आतंकी नेता एसएलएफपी में वरिष्ठ सदस्य बन गया. तब करुणा ने यूएनपी को चेताया अगर उनके खिलाफ आरोप लगने बंद नहीं हुए तो वह पार्टी से जुड़ी कई सूचनाओं को सबके सामने ले आएगा. संसद में अपने भाषण में करुणा ने भारतीय मछुआरों द्वारा श्रीलंकाई जल सीमा में अवैध शिकार रोकने के लिए श्रीलंकाई नेवी की प्रशंसा की.
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रानासिंघे प्रेमदास पर एलटीटीई को हथियार देकर ज्यादा मजबूत बनाने का आरोप लगाया. मुरलीथरन ने कहा कि 1989 में एलटीटीई के 350 काडर ही रह गए थे, लेकिन प्रेमदास के एक्शन के बाद इनकी संख्या तेजी से बढ़ गई. उन्होंने कहा, 'प्रेमदास ने एलटीटीई को 5000 हथियार दिए थे. इससे 300 काडर 6000 में बदल गए वो भी सिर्फ तीन महीनों में.' मुरलीथरन ने तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) पर भी आरोप लगाया है कि श्रीलंका पर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जांच को बढ़ावा देकर शांति बाधित करने का प्रयास किया गया.