सरकार का चीन की सीमा के साथ एक सामरिक लाइन के रूप में रेलवे लाइनों का निर्माण करने का विचार है.
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने आज राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा मंत्रालय ने भारत चीन सीमा पर चार सामरिक लाइनों की पहचान की है जो 378 किमी लंबी मिसामारी, तेंगा, तवांग और 498 किमी के फासले वाली बिलासपुर, मनाली, लेह और 227 किमी की पासीघाट, तेजू, रूपाई, साथ ही 227 किमी लंबी नॉर्थ लखीमपुर बामे, अलोंग, सीलापत्थर रेल लाइनें हैं.
उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से 345 करोड़ रूपये की लागत से अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण करने और आवश्यक निधि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
सिन्हा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि फिलहाल इनमें से कोई भी परियोजना स्वीकृत नहीं की गई है. उन्होंने कहा 'अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण और विस्तृत भू-तकनीकी अध्ययन पूरा होने तक इन्हें पूरा करने के समय और लागत का पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि ये सभी परियोजनाएं हिमालय के मुश्किल रास्तों से हो कर गुजरती हैं.'
- इनपुट भाषा