तिहाड़ जेल के कैदी अब इस कारागार में इंडियन बैंक की शाखा में काम करेंगे. अच्छे व्यवहार और शैक्षिक योग्यता के आधार पर कैदियों को चुनकर उन्हें शाखा में गैर संवेदनशील पदों पर रखा जाएगा.
इंडियन बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक टीएम भसीन ने कहा, 'हम पिछले कई साल से तिहाड़ से जुड़े हुए हैं और हमारी जेल शाखा का कारोबार 100 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. शाखा में गैर संवेदनशील पदों पर कैदियों को रखे जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है और जल्द ही इस पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा.'
मिलेंगे गार्ड और कंप्यूटर ऑपरेटर के पद
तिहाड़ के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने कहा कि अर्ध खुले कारागार (एसओपी-सेमी ओपन प्रिजन) के कैदियों को उनकी
शैक्षिक योग्यता के आधार पर भृत्य, सुरक्षा गार्ड और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पदों पर काम दिया जाएगा. जिन कैदियों
का बर्ताव अच्छा रहता है और जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहते हैं उनका चयन एसओपी के लिए
किया जाता है. एसओपी में रहने के लिए कैदियों की सजा की अवधि 5 साल से 12 साल के बीच होनी चाहिए.
अब तक एसओपी के कैदियों को जेल के अंदर लोक निर्माण विभाग की योजनाओं और तिहाड़ परिसर के कारागार कारखाने में काम दिया जाता रहा है. गुप्ता ने कहा, 'अभी प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाना है. हम कैदियों के नाम की सूची देंगे जिन्हें काम पर रखा जा सकता है. नौकरी देने का अंतिम फैसला बैंक प्रबंधन करेगा.' इंडियन बैंक तिहाड़ जेल की विभिन्न गतिविधियों से जुड़ा हुआ है.
हाल ही में बैंक ने 'तिहाड़ कॉफी टेबल' बुक लॉन्च कार्यक्रम को प्रायोजित किया था. पिछले महीने तिहाड़ के उन 66 कैदियों को निजी कंपनियों ने नौकरी पर रखा जिनकी सजा पूरी होने वाली थी. ताजमहल ग्रुप ऑफ कंपनीज ने राजू पारसनाथ को सबसे बड़ा पैकेज दिया था जिसने कारागार में 8 साल गुजारे थे. पारसनाथ ने जेल में रहते हुए इग्नू से सोशल वर्क में बैचलर डिग्री ली थी. ताजमहल ग्रुप ऑफ कंपनीज ने उसे सहायक कारोबार विकास प्रबंधक का पद दिया है जिसमें उसकी तनख्वाह 35,000 रुपए प्रतिमाह है.