पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'मेक इन इंडिया' को भारतीय सेना की तरफ से झटका लगा है. सैन्य बलों ने देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस और अर्जुन टैंक के एडवांस वर्जन को लाल झंडी दिखा दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सेना ने मेक इन इंडिया की रणनीतिक साझेदारी नीति के तहत विदेशी सिंगल इंजन लड़ाकू विमान और युद्ध टैंकों की खरीद का प्रस्ताव दिया है.
भारतीय सेना ने 1770 उन्नत टैंकों की खरीद के लिए पिछले हफ्ते ही प्रारंभिक टेंडर या बड़ी वैश्विक कंपनियों से सूचना आग्रह (RFI) जारी किया था. फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स कहे जाने वाले इन टैंकों के जरिये सेना जंग के मैदान में अपनी स्थिति मजबूत बनाकर रखना चाहती है.
इसके साथ ही वायुसेना ने भी 114 एकल इंजन लड़ाकू विमान की मांग की है. हालांकि सैन्य बलों की यह मांग पूरी करना सरकार के लिए मुश्किल साबित हो सकता है. इस एक वजह तो यह कि देश के सालाना रक्षा बजट में नए कार्यों के लिए बहुत ही कम राशि आवंटित की जाती है. इसके अलावा सैन्य हथियारों और दूसरे उपकरणों के लिए पहले से तय सौदों की किस्तें चुकाने में भी काफी राशि खर्च हो जाती है.
वहीं रक्षा मंत्रालय अगर एकल इंजन लड़ाकू विमानों की वायुसेना की मांग पूरी करता है, तो उसे करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. डीआरडीओ भी इन लड़ाकू विमानों को लेकर रक्षा मंत्रालय पर काफी समय से दवाब बना रहा है.