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आसमान की लड़ाई में वायुसेना के इस अफसर ने छुड़ाए थे पाकिस्तान के छक्के, मिला था परमवीर चक्र

पाकिस्तान का हमला होते ही इन्होंने और इनके साथियों ने बड़ी बहादुरी और दृढ़ता के साथ पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट के एक के बाद एक किए जा रहे हमलों का लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया था.

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शहीद परमवीर चक्र विजेता निर्मलजीत सिंह सेखों (फाइल फोटो- gallantryawards.gov.in)
शहीद परमवीर चक्र विजेता निर्मलजीत सिंह सेखों (फाइल फोटो- gallantryawards.gov.in)

  • फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों की जयंती आज
  • भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे सेखों

पाकिस्तान को साल 1971 के युद्ध के दौरान धूल चटाने वाले भारतीय वायुसेना के जांबाज अफसर निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म आज के दिन 17 जुलाई 1943 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था. भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों ने साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया था, जिसके चलते पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. हालांकि पाकिस्तानी वायुसेना के हवाई हमले से श्रीनगर एयर बेस को बचाने में निर्मलजीत सिंह सेखों शहीद हो गए थे.

उनकी बहादुरी और अदम्य पराक्रम को देखते हुए साल 1972 में उनको मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मान किया गया था. साल 1971 में फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों पाकिस्तानी हवाई हमलों से घाटी की हवाई सुरक्षा करने के लिए श्रीनगर में तैनात नैट (Gnat) टुकड़ी के पायलट थे.

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पाकिस्तानी हमला होते ही इन्होंने और इनके साथियों ने बड़ी बहादुरी और दृढ़ता के साथ पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट के एक के बाद एक किए जा रहे हमलों का लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया था. 14 दिसंबर 1971 को श्रीनगर एयरफील्ड पर दुश्मन के 6 सेबर एयरक्राफ्ट ने हमला कर दिया था. फ्लाइंग ऑफिसर सेखों उस समय ड्यूटी के लिए तैयार थे.

जान जोखिम में डालकर पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट से भिड़ गए थे सेखों

इस बीच दुश्मन के कम से कम छह एयरक्राफ्ट ऊपर उड़ान भरने लगे और उन्होंने एयरफील्ड पर बमबारी व गोलाबारी शुरू कर दी. इस हमले के दौरान उड़ान भरने में जान का खतरा होने के बावजूद फ्लाइंग ऑफिसर सेखों ने उड़ान भरी और तत्परता से दो हमलावर सेबर एयरक्राफ्ट पर निशाना लगा दिया.

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इस दौरान वो एक एयरक्राफ्ट पर हमला करते रहे और दूसरे एयरक्राफ्ट को आग के हवाले कर दिया. तभी एक अन्य सेबर एयरक्राफ्ट बड़ी मुसीबत में फंसे अपने साथियों की मदद को आगे आया और फ्लाइंग ऑफिसर सेखों का एयरक्राफ्ट फिर से अकेला पड़ गया, इस बार एक का मुकाबला चार के साथ था.

अकेला पड़ने के बावजूद दुश्मन का मुकाबला करते रहे सेखों

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फ्लाइंग ऑफिसर सेखों ने अकेले होने के बावजूद दुश्मन पर मुकाबला किया और उलझाए रखा. आसमान में बेहद कम ऊंचाई पर लड़ी गई आगे की लड़ाई में दुश्मन की संख्या ज्यादा होने के बावजूद इन्होंने खुद को संभालने का भरसक प्रयास किया, लेकिन इनका एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हो गया और इस लड़ाई में फ्लाइंग ऑफिसर सेखों शहीद हो गए.

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