प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करते हुए साफ इंकार करते हुए आज स्पष्ट किया कि संवर्धन एवं पुर्नप्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर प्रतिबंध लगाने वाले समूह आठ के प्रस्ताव का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इस बारे में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में कोई आमराय नहीं है.
अपनी हाल की विदेश यात्राओं से उत्पन्न स्थिति के बारे में लोकसभा में सदस्यों की चिंताओं को दूर करते हुए सिंह ने इस बारे में बहुत साफगोई से कहा कि मैं एक बार फिर याद दिलाना चाहता हूं कि जब तक विश्व पैमाने परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं होता है, भारत द्वारा एक गैर परमाणु हथियार सम्पन्न देश के रूप में परमाणु अप्रसार संधि में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संवर्धन और पुर्नप्रसंस्करण सामग्रियों तथा प्रौद्योगिकी पाने पर भारत पर इस बात का कोई दबाव नहीं होगा कि वह विदेशी मूल के इस्तेमालशुदा ईंधन का अपने सुरक्षा सुविधाओं के लिए इस्तेमाल नहीं करे. सिंह ने इटली में हाल में सम्पन्न समूह आठ की बैठक में पारित उस प्रस्ताव का जिक्र किया जिसमें संवर्धित एवं पुर्नप्रसंस्करण प्रौद्योगिकी को एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को नहीं हस्तांतरित करने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि हमारा समूह आठ के साथ किसी तरह का असैन्य परमाणु समझौता नहीं है बल्कि फ्रांस, रूस और अमेरिका के साथ अलग अलग द्विपक्षीय समझौते हैं.