डीआरडीओ ने पहली बार लेजर बीम टेक्निक वाले ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया है. इसी हफ्ते राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में किया गया ये टेस्ट सफल रहा. गरुड़ व गरुथमा नामक ग्लाइड बम को वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई से दागा गया.
स्वदेशी हैं दोनों ग्लाइड बम
गरुथमा बम की रेंज 100 किमी तो वहीं गरुड़ की 30 किमी है. गरुथमा का वजन 1000 किलो है. दोनों को साल के अंत तक ग्लाइड बम को वायुसेना को दिया जा सकता है. दोनों की रेंज में पाकिस्तान का लगभग 100 किमी का दायरा शामिल होगा. ये इन ग्लाइड बम का तीसरा टेस्ट था. गरुड़ व गरुथमा नामक ग्लाइड बम पूरी तरह से स्वदेशी हैं.
2015 में भी हो चुका है परीक्षण
परीक्षण में डीआरडीओ और वायुसेना के अधिकारी शामिल थे. ग्लाइड बम को डीआरडीओ ने पुणे व हैदराबाद की लैब में तैयार किया है. 2015 में ग्लाइड बम का परीक्षण चांदीपुर रेंज के समुद्र में किया जा चुका है.
कई मिसाइलों का सफल परीक्षण
रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार अपनी स्वदेशी ताकत को बढ़ा रहा है. पाकिस्तान की बढ़ती नापाक हरकतों के बीच भारत ने रक्षा क्षेत्र में ब्रहमोस और अग्नि जैसी कई मिसाइलों के सफल परीक्षण के बाद उन्हें सेना को सौंपा है.