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अवैध बांधों का निर्माण कर भारत ने पाकिस्तान पर युद्ध थोपा: सईद

मुंबई हमलों के साजिशकर्ता जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने रविवार को आरोप लगाया कि भारत ने ‘अवैध बांध’ बनाकर और पाकिस्तानी नदियों के पानी की दिशा मोड़कर पाकिस्तान पर ‘युद्ध थोपा’ है. उसने कहा कि सरकार को इसका जवाब देने के लिए राष्ट्र को तैयार करना चाहिए.

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मुंबई हमलों के साजिशकर्ता जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने रविवार को आरोप लगाया कि भारत ने ‘अवैध बांध’ बनाकर और पाकिस्तानी नदियों के पानी की दिशा मोड़कर पाकिस्तान पर ‘युद्ध थोपा’ है. उसने कहा कि सरकार को इसका जवाब देने के लिए राष्ट्र को तैयार करना चाहिए.

नदियों के जल के पाकिस्तान के हिस्से की भारत द्वारा चोरी करार देते हुए सईद ने एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन छेड़ते हुए यह बयान दिया. रैली में की गयी एक घोषणा के मुताबिक, ‘यदि भारत अपने जलीय आतंकवाद को जारी रखता है तो पाकिस्तान को बलों के इस्तेमाल के विकल्प को खुला रखना चाहिए.’ उसने आरोप लगाया कि भारत ने ‘गैरकानूनी तरीके से बांधों का निर्माण करके और पाकिस्तानी नदियों के पानी के प्रवाह को मोड़कर एक तरह से पाकिस्तान पर युद्ध की घोषणा की.’

प्रस्ताव में कहा गया, ‘हम अपनी सरकार से यह आह्वान भी करते हैं कि अनेक धार्मिक, राजनीतिक और नागरिक समाज समूहों के बीच एकता स्थापित की जाए ताकि भारत की तरह वे पाकिस्तानी सेना के साथ मजबूती से खड़े रहें, जो कि वास्तव में पाकिस्तान पर युद्ध थोपने की तैयारी कर रहा है.’ प्रस्ताव में दलील दी गयी है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है. इसमें संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय से अपील की गयी है कि एक विवादित क्षेत्र में विवादास्पद भारतीय परियोजनाओं का तत्काल संज्ञान लिया जाए और भारत पर इस कार्रवाई को रोकने के लिए दबाव बनाया जाए अन्यथा दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच जंग छिड़ सकती है.

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रविवार की रैली जमात और सईद द्वारा ताजा शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखी गयी. 2008 के मुंबई हमलों के बाद से ही सईद सुखिर्यों में कम ही रहा. भारत ने सईद पर हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने सईद को मामूली तौर पर हिरासत में लिया था. लेकिन बाद में पिछले साल जून में लाहौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे रिहा कर दिया गया.

सईद और जमात उद दावा के अन्य नेताओं ने पिछले कुछ सप्ताहों में अनेक सभाओं को संबोधित किया है और मीडिया को साक्षात्कार दिये हैं, जिनमें उन्होंने भारत के खिलाफ जेहाद की बात कही है और जम्मू कश्मीर में गतिविधियां संचालित कर रहे उग्रवादी समूहों के लिए समर्थन जताया. किसानों समेत सैकड़ों लोग ट्रैक्टरों पर सवार होकर रविवार की रैली में शामिल हुए. भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और चेनाब नदी के पानी के बंटवारे को लेकर गंभीर मतभेद हैं.

प्रदर्शनकारियों ने नसीर बाग मैदान से माल रोड पर असेंबली तक मार्च निकाला, जहां सईद ने सभा को संबोधित किया. प्रदर्शनकारियों के हाथ में बैनर थे, जिनमें ‘पानी या जंग’, ‘भारत वाटर बम’, ‘पानी का बहाव या खून’, ‘पानी को बचाने के लिए कश्मीर को आजाद करो’ जैसे नारे लिखे थे. सईद ने अपने भाषण में दावा किया कि वह क्षेत्र में शांति चाहता है और उसने आरोप लगाया कि ‘भारत है जो कि पाकिस्तान पर जंग थोप रहा है.’

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उसने कहा, ‘मेरा अपराध यह है कि मैं अधिकृत कश्मीर और भारत के शोषित लोगों के लिए बोला. मेरा धर्म मांग करता है कि मुझे भारतीय मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए बोलना चाहिए.’ सईद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जमात के खिलाफ प्रतिबंध लगाते समय हड़बड़ी में निर्णय किया लेकिन वह ‘विवादित क्षेत्र में विवादास्पद भारतीय परियोजनाओं पर पूरी तरह चुप है.’ जमात के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद ने बताया कि रैली का आयोजन ‘अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानी नदियों पर भारतीय बांधों के निर्माण’ का विरोध करने के लिए किया गया था.

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