केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि भारत का बलूचिस्तान से कोई लेनादेना नहीं है और उन्होंने आश्चर्य जताया कि आखिर भारत ऐसा क्यों करेगा जब उसकी पाकिस्तान से सटी सीमा पर कई समस्याएं हैं.
चिदंबरम ने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस भारत-पाकिस्तान संयुक्त वक्तव्य के मुद्दे पर सरकार के साथ रहेगी जब अगले सप्ताह संसद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बारे में अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि सिंह संसद में दस्तावेज का ‘सही अर्थ’ बतायेंगे और यह ब्योरा देंगे कि उसमें बलूचिस्तान का जिक्र कैसे आया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम बलूचिस्तान में शामिल नहीं हैं. हमारा पाकिस्तान की आंतरिक समस्या से कोई लेनादेना नहीं है. असल में, बलूच नेता ने कहा है कि उन्हें भारत से कोई समर्थन नहीं मिला है.’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम बलूचिस्तान में क्यों शामिल होंगे. पाकिस्तान के साथ सटी हमारी पश्चिमी सीमा पर कई समस्याएं हैं.’’
सरकार वक्तव्य का बचाव कर सकती है
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि इसे चर्चा में लाया जायेगा कि आखिर किन परिस्थितियों के चलते वक्तव्य में बलूचिस्तान का उल्लेख हुआ.’’ संयुक्त वक्तव्य के संबंध में कांग्रेस में अलग-अलग मत होने की रिपोटों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘पार्टी ने कहा है कि सरकार वक्तव्य का बचाव कर सकती है और करेगी. मैंने यह सुना है. इस बारे में संसद में चर्चा होगी और जब चर्चा होगी तो आप पायेंगे कि पार्टी सरकार के साथ है.’’ चिदंबरम से जब विदेश सचिव शिवशंकर मेनन के इस बयान के बारे में पूछा गया कि यह भारत-पाकिस्तान के संयुक्त वक्तव्य का खाका खराब तरीके से तैयार होने का मामला हो सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें वक्तव्य के सही अर्थ को देखना होगा.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही यह कहा है कि सही मायने ये हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, तब तक वार्ता शुरू नहीं हो सकती.