भारत और चीन दुनिया के नए धन संपदा के केंद्र बनकर उभरे हैं. एक अध्ययन के अनुसार, वित्तीय संकट की गहराई तथा विभिन्न क्षेत्रों के इस संकट से उबरने की गति से वैश्विक धन संपत्ति का वितरण पूर्व की ओर होगा. चीन, भारत और पश्चिम एशिया धन संपत्ति के प्रमुख केंद्रों के रूप में उभरकर सामने आएंगे.
प्रबंधन सलाहकार फर्म बूज एंड कंपनी के एक ताजा अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की प्रमुख औद्योगिक देशों ने अभी संकट से बाहर निकलना शुरू किया है, जबकि ज्यादातर उभरती अर्थव्यवस्थाएं संकट से बाहर आ चुकी हैं और उनकी वृद्धि दर मंदी पूर्व की स्थिति पर पहुंच गई हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘सुधार की यह अलग-अलग गति अभी अगले कुछ साल तक बनी रहेगी, जिससे धन संपदा का केंद्र पूर्व बन जाएगा.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माण क्षेत्र में आई गिरावट की वजह से दुबई की अर्थव्यवस्था में इस साल 0.5 प्रतिशत की और गिरावट आएगी. अध्ययन में कहा गया है कि ऐसे देश जो प्राकृतिक संसाधनों के मामले में धनी हैं, वहां वैश्विक अर्थव्यवस्था में पूरी तरह सुधार से पहले की धन संपत्ति एक बार फिर तेजी से बनने लगेगी.
रिपोर्ट के अनुसार, चीन भारत और पश्चिम एशिया की अगुवाई में उभरते बाजार आगामी वर्षों में नई धन संपदा के प्रमुख केंद्र होंगे. इन देशा में आधारभूत निजी बैंकिंग जरूरत अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में धन संपदा प्रबंधकों इन बाजारों में प्रवेश करना चाहेंगे.