चीन के मसले पर कांग्रेस तो मोदी सरकार को घेर ही रही थी, मगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से अब कांग्रेस पर करारा हमला किया गया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (पीएमएनआरएफ) से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा डोनेट किया गया.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'संकट में लोगों की मदद करने के लिए बना पीएमएनआरएफ, यूपीए के कार्यकाल में राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था. पीएमएनआरएफ बोर्ड में कौन बैठा? सोनिया गांधी. राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता कौन करता है? सोनिया गांधी. यह पूरी तरह से निंदनीय है.'
PMNRF, meant to help people in distress, was donating money to Rajiv Gandhi Foundation in UPA years.
Who sat on the PMNRF board? Smt. Sonia Gandhi
AdvertisementWho chairs RGF? Smt. Sonia Gandhi.
Totally reprehensible, disregarding ethics, processes and not bothering about transparency. pic.twitter.com/tttDP4S6bY
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 26, 2020
जेपी नड्डा ने कहा, 'भारत के लोगों ने जरूरतमंदों की मदद करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई को पीएमएनआरएफ को दान कर दिया. इस सार्वजनिक धन को परिवार चलाने की बुनियाद में इस्तेमाल करना न केवल एक संगीन धोखाधड़ी है, बल्कि भारत के लोगों के लिए एक बड़ा धोखा भी है.'
रविशंकर प्रसाद का दावा, राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिली 90 लाख की फंडिंग
कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए जेपी नड्डा ने कहा, 'पैसे के लिए एक परिवार की भूख ने देश को बर्बाद किया. अगर केवल उन्होंने अपनी ऊर्जा को अधिक रचनात्मक एजेंडे के लिए समर्पित किया है. कांग्रेस के शाही राजवंश ने आत्म-लाभ के लिए अनियंत्रित लूट की, इसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत है.'
चीन से भी रिश्वत लेने का आरोप
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन ने पैसे दिए. उन्होंने पूछा था कि कांग्रेस ये बताए की ये प्रेम कैसे बढ़ गया. इनके कार्यकाल में चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया. कांग्रेस स्पष्ट करे कि इस डोनेशन के लिए क्या सरकार से मंजूरी ली गई थी?
कांग्रेस का हमला- चीन हमारी जमीन हड़प रहा, सरकार विपक्ष से झगड़े में बिजी
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए डोनर की सूची है 2005-06 की. इसमें चीन के एम्बेसी ने डोनेट किया ऐसा साफ लिखा है. ऐसा क्यों हुआ? क्या जरूरत पड़ी? इसमें कई उद्योगपतियों,पीएसयू का भी नाम है. क्या ये काफी नहीं था कि चीन एम्बेसी से भी रिश्वत लेनी पड़ी. उन्होंने दावा किया कि चीन से फाउंडेशन को 90 लाख की फंडिंग की गई.