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भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने पर सहमत

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेन जियाबाओ आज विश्वास और आपसी समझ बढ़ाने तथा द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए.

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अरुणाचल प्रदेश को लेकर हाल के वाकयुद्ध को पीछे छोड़ते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेन जियाबाओ आज विश्वास और आपसी समझ बढ़ाने तथा द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए.

अरुणाचल और दलाई लामा जैसे मुद्दे नहीं उठे
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि थाईलैंड के इस बीच रिसोर्ट में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आसियान सम्मेलन से इतर हुई बैठक में हालांकि अरुणाचल प्रदेश और दलाई लामा जैसे मुद्दे नहीं उठे. दोनों नेताओं ने दुसित थानी होटल में हुई मुलाकात में हाथ मिलाकर एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया. 45 मिनट के लिए निर्धारित बैठक एक घंटे से भी अधिक समय तक चली.

वेन ने कहा, मनमोहन एक पुराने मित्र
वेन ने मनमोहन को एक पुराना मित्र करार दिया और पूर्व में हुई अपनी कई बैठकों को याद किया. चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विश्वास है कि आने वाले समय में हमारे बीच अच्छे संबंध होंगे. वेन के साथ अपनी बैठक को सार्थक करार देते हुए मनमोहन ने कहा कि यह अच्छी चर्चा थी और दोनों पक्ष सामरिक तथा सहयोगात्मक भागीदारी को बढ़ाने तथा विश्वास एवं समझ बढ़ाने पर सहमत हुए. दोनों नेताओं के बीच बैठक ऐसे समय हुई है जब अरुणाचल पर चीन की ओर से भड़काउ बयान आने और भारत द्वारा उस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने के बाद नयी दिल्ली और बीजिंग ने मेल मिलाप वाला रुख प्रदर्शित किया.

चीन ने अरुणाचल को विवादास्पद क्षेत्र बताया था
चीन ने अरुणाचल प्रदेश को विवादास्पद क्षेत्र बताकर वहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा पर आपत्ति जताई थी जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और राज्य को देश का अभिन्न अंग बताया. मनमोहन विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अरुणाचल गए थे. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बैठक से पहले कल रात विदेश सचिव निरूपमा राव ने कहा था कि बातचीत का केंद्र बिन्दु द्विपक्षीय संबंध होंगे. राव ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध जटिल हैं. हालांकि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में संबंध विकसित हुए हैं. विदेश सचिव ने कहा कि आप लंबित मुद्दों से परिचति हैं जिनका भारत और चीन के बीच समाधान होना है तथा इस तरह की बैठकें खासकर उच्चस्तरीय नेतृत्व के बीच बैठकें इन सभी मुद्दों के समाधान का एक अवसर हैं.

मनमोहन ने वेन को पुराना मित्र बताया
बैठक के आयोजन स्थल दुसित थानी होटल में मनमोहन का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए वेन ने उन्हें अपना पुराना मित्र करार दिया और अपनी पूर्व की कई मुलाकातों को याद किया. चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विश्वास है कि आने वाले सालों में हमारे बीच अच्छे संबंध होंगे. भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टीकेए नायर और संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) एन रवि बैठक में शामिल हुए.

ब्रह्मपुत्र नदी बांध बनाने की खबरों पर भी चिंता जताई
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच हाल में जिन अन्य मुद्दों को लेकर वाकयुद्ध की नौबत आ गई उनमें चीन द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों को अलग कागजों पर वीसा देने का मामला भी शामिल है. भारत ने यह भी कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की विकास योजनाएं भारत चीन संबंधों के हित में नहीं हैं. ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने की खबरों पर भी चिंता जताई जा चुकी है खासकर असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर से.

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