इंडियन मुजाहिदीन के गुर्गों ने आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए संगठन के सह संस्थापक रियाज भटकल सहित एक दूसरे के साथ बातचीत के लिए फेसबुक और ईमेल का उपयोग किया. दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अदालत में यह जानकारी दी.
पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों ने निम्बुज, याहू, पालटाक, जीमेल और फेसबुक के उन कई पतों (आईडी) के बारे में बताया, जिनका उपयोग उन्होंने बातचीत करने, कूट फाइलों का आदान प्रदान करने और अलग अलग जगहों से अलग अलग समय पर फर्जी दस्तावेज भेजने के लिए किया था.
कथित तौर पर एक अवैध शस्त्र फैक्ट्री स्थापित करने संबंधी मामले में संदिग्ध इंडियन मुजाहिदीन के 6 आदमियों के खिलाफ अपने पूरक आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दावा किया है कि ये आरोपी संवाद के लिए ईमेल और चैट मैसेन्जर्स का उपयोग कर रहे थे. यह बातचीत फरार भटकल सहित अन्य लोगों के बीच हुई.
पुलिस ने यह भी दावा किया कि ये आरोपी अक्सर फर्जी आईडी का उपयोग करते थे और अपनी असली लोकेशन छिपाने के लिए अपने कंप्यूटरों में छद्म सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते थे.
इसमें यह भी कहा गया है कि मुफ्त मैसेज सेवा और बातचीत के लिए उपयोग किया जाने वाला मोबाइल सह कंप्यूटर एप्लीकेशन निम्बुज आईएम के आदमियों के लिए बातचीत का पसंदीदा साधन था.