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महंगा हुआ सर्विलांस सिस्टम, रूस-इजरायल से बड़ा रक्षा सौदा टला

भारत ने खुद इस तरह का सर्विलांस सिस्टम डेवलप करने का फैसला किया है, जिसे डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने मंजूरी भी दे दी है.

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दो एयरबेस-330 अधिगृहीत कर भारत खुद विकसित करेगा अपना सर्विलांस सिस्टम
दो एयरबेस-330 अधिगृहीत कर भारत खुद विकसित करेगा अपना सर्विलांस सिस्टम

भारतीय वायु सेना ने शत्रुओं के प्लेन, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर नजर रखने वाली एडब्ल्यूएसी निगरानी प्रणाली की खरीद टाल दी है. वायु सेना इस सर्विलांस सिस्टम की दो यूनिट खरीदने वाला था, लेकिन अत्यधिक महंगा हो जाने के कारण अभी इस खरीद को टाल दिया गया है.

एडब्ल्यूएसी सिस्टम में रूस के इल्यूशिन-76 विमान में इजरायल निर्मित दो अत्याधुनिक राडार लगे रहते हैं. भारत ने 2003 में एडब्ल्यूएसी सिस्टम की तीन यूनीट खरीदी थीं और तब एक यूनिट की कीमत 7,035 करोड़ रुपये के करीब पड़ी थी.

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज तक को बताया, "दो नए एडब्ल्यूसी सिस्टम के लिए अब अत्यधिक कीमत मांगी जा रही है. इससे पहले खरीदी गईं एडब्ल्यूएसी सिस्टम की तीन यूनिट की अपेक्षा नई यूनिट की कीमतें बहुत अधिक लगाई गई हैं. इसे हम स्वीकार नहीं कर सकते और इसीलिए अभी इन्हें खरीदने की योजना टाल दी गई है."

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सूत्रों ने बताया, "रूसी विमान इल्यूशिन-76 की कीमत में अत्यधिक वृद्ध के कारण एडब्ल्यूएसी सिस्टम की कीमतें बेहद ऊपर चली गई हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी वर्ष हुए इजरायल दौरे के दौरान इस डील पर मुहर लगने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

इस बीच लेकिन खुशी की बात यह है कि भारत ने खुद इस तरह का सर्विलांस सिस्टम डेवलप करने का फैसला किया है, जिसे डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने मंजूरी भी दे दी है. इसके लिए भारत दो एयरबस-330 विमान अधिगृहीत कर उसमें स्वदेश निर्मित एडब्ल्यूएसी सिस्टम स्थापित कर 360 डिग्री सर्विलांस सिस्टम डेवलप करेगा, जो किसी मायने में इजरायली राडारों से कम नहीं होगा.

परियोजना के पहले चरण में दो विमान के साथ शुरुआत की जाएगी, जिसे डेवलप करने में पांच से छह साल लग सकते हैं. डेवलप होने के बाद अगर स्वदेश निर्मित एडब्ल्यूएस सिस्टम सफल रहे तो डीआरडीओ इस तरह के छह और यूनिट तैयार करने की मंजूरी लेगा.

गौरतलब है कि सर्विलांस के दृष्टिकोण से भारत को अक्सर अस्थिर करने वाले दोनों पड़ोसी देशों, चीन और पाकिस्तान हमसे आगे हैं. चीन के पास जहां इस तरह के कुल 20 सर्विलांस सिस्टम युक्त विमान हैं, वहीं पाकिस्तान ने पांच साल पहले स्वीडेन से चार एईडब्ल्यू एंड सी सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदे थे. पाकिस्तान ने चीन से भी उसके सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदना शुरू कर दिए हैं.

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