लोकसभा अध्यक्ष से इस्तीफा नहीं देने का निर्देश नहीं मानने के लिए माकपा ने भले ही सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निकाल दिया हो, मगर उनका हृदय अब भी वामपंथ के लिए ही धड़कता है.
माकपा पर निशाना साधते हुए सोमनाथ ने कहा कि आज भी वह कामरेड हैं और साम्यवाद पर किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं है. लोकसभा सदस्य के ही प्रधानमंत्री बनने के विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के सुझाव से चटर्जी ने असहमति जताई. उधर, सरकार ने 14वीं लोकसभा के दौरान संसद संचालन और कामकाज के लिए खुद अपनी पीठ थपथपाई.
सोमनाथ ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान एक बार फिर साफ किया कि राजनीति से संन्यास लेने के फैसले पर वह कायम हैं. माकपा पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथ पर किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं है, और मैं अब भी कामरेड हूं. उन्होंने विश्वास मत के दौरान सदन में एक करोड़ रुपये लाए जाने की घटना और प्रश्नकाल सहित सदन को स्थगित करने को 14वीं लोकसभा के सबसे दुखद अनुभवों में गिनाया.