हैदराबाद एनकाउंटर केस पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है. हम इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया पर इस मामले में किसी भी तरह की खबर प्रकाशित और प्रसारित करने पर रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया. इस आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बलदोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन शामिल हैं. यह जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. फाइनल ऑर्डर आने तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक बरकरार रहेगी.
Supreme Court orders a three member judicial inquiry into #TelanganaEncounter which is to be headed by former SC judge VS Sirpurkar. SC says no other court or authority shall inquire into this matter until further orders of this court. https://t.co/pnCRkqeWfZ
— ANI (@ANI) December 12, 2019
इसलिए हम क्राइम सीन पर ले गए थे..
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने तेलंगाना पुलिस से पूछा कि क्या आरोपी हिस्ट्रीशीटर थे. इस पर तेलंगाना पुलिस की ओर से दलील रख रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि नहीं वो लॉरी ड्राइवर और क्लिनर थे. जब पुलिस आरोपियों को इलाके की पहचान के लिए ले जाना चाहती थी, तो थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए.
उन्होंने बताया कि सैकड़ों की भीड़ थी. इसलिए हम उन्हें रात में क्राइम सीन पर ले गए. आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी. उन्होंने पुलिसकर्मियों की पिस्तौल छीन ली. पुलिस पर पत्थर फेंके.
पुलिसवालों को गोली लगी या नहीं?
इसके बाद चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने पूछा कि चारों आरोपियों ने पुलिस वालों पर पहले हमला किया था? उन्होंने पुलिस वालों से जो पिस्तौल छीनी थी, उससे उनपर फायर किया था? इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जी हां, उन्होंने फायर किया, लेकिन गोली पुलिस वालों को लगी नहीं.
मुकुल रोहतगी ने PUCL मामले में सुप्रीम कोर्ट एक फैसले को पढ़ना शुरू किया, जिसमें कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर गाइड लाइन बनाई थी. इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस एनकाउंटर के जांच के पक्ष में हैं. हम चाहते हैं कि इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच हो.
CJI SA Bobde-If you say you're going to prosecute them (policemen involved in encounter) in criminal court,there is nothing for us to do.But if you say they're innocent then people must know truth. We don’t want to assume facts. Let there be inquiry,why are you resistant to that? https://t.co/BrGr3zjesS
— ANI (@ANI) December 12, 2019
वकील बोले- जांच के लिए बनाई गई है SIT
इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने तेलंगाना सरकार की ओर से कहा कि पड़ोसी ज़िलों के वरिष्ठ IPS अधिकारियों की SIT बना कर जांच शुरू कर दी गई है. इसमें कोई शक नहीं कि इन्हीं चारों आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था. सीसीटीवी फुटेज सबूत हैं, जिसमें एक आरोपी के पास डॉक्टर की स्कूटी थी और वो पेट्रोल खरीद रहा था. डॉक्टर की लाश को जलाने के लिए पेट्रोल खरीदा गया था.
'एक समय दो अलग-अलग जांच नहीं चल सकती'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो SIT का गठन राज्य सरकार ने जांच के लिए किया है वो जांच चलती रहेगी. मुकुल रोहतगी ने कहा कि जो जज नियुक्त होंगे वो SIT की जांच पर नजर रखेंगे. -SIT जो जांच करेगी उसकी रिपोर्ट वो जज को देंगे. अगर जज को लगता है कि किसी पहलू की जांच नही हुई तो वो जांच को कहेंगे, लेकिन एक ही समय दो अलग-अलग जांच एक ही मामले के लिए नहीं चल सकती.
ये कैसा ट्रायल होगा?
वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जांच का नतीजा आने दें, तभी कौन ज़िम्मेदार है? इसका फैसला होगा. पुलिस ने FIR दर्ज कराई है. उन्होंने पुलिसकर्मियों के हथियार छीन कर उनकी हत्या का प्रयास किया. प्रोक्सिक्यूशन के पास कोई गवाह नहीं तो ये कैसा ट्रायल होगा.
... नहीं तो हम जांच का आदेश देंगे
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है. कोर्ट ने मुकुल को कहा कि अगर आप पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते हैं तो हम कोई आदेश नहीं जारी करेंगे, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते तो हम जांच का आदेश देंगे.
ऐसे तो हर एनकाउंटर की जांच कराई जाएगी
इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऐसे तो हर एनकाउंटर की जांच कराई जाएगी. मारे गए आरोपियों के परिजन पुलिस के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज करा रहे हैं. हम दर्ज कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान CJI और मुकुल रोहतगी के बीच गरमागरम सवाल-जवाब के क्विक फायर राउंड चले. मुकुल रोहतगी ने कहा कि मानवाधिकार आयोग की ओर से भी जांच चल रही है. डॉक्टरों की टीम ने प्रॉपर ऑटोप्सी की है. उसकी रिपोर्ट भी मौजूद है.