हैदराबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट
में खूफिया जांच एजेंसी के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं. अमोनिया, यूरिया,
पेट्रोल, आईइडी और स्पलिंटर घटनास्थल से मिला है. शक के दायरे में तीन लोग
हैं.
जिन तीन लोगों के नाम शक के दायरे में हैं उनमें से एक का नाम तबरेज बताया जा रहा है जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरे का नाम वकार बताया जा रहा है जो समस्तीपुर का वासी है और तीसरे का नाम मंजर है जो झारखंड का रहने वाला है.
इंडियन मुजाहिद्दीन के स्थानीय मॉड्यूल को धमाके की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. सात जगहों पर धमाके की साजिश थी, जिसमें सिकंदराबाद और वाइजैग भी शामिल थे.
शुक्रवार को सुबह गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे घटनास्थल पर पहुंचे. शिंदे के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी भी घटनास्थल पर पहुंचे. गुरुवार की शाम हुए सीरियल ब्लास्ट में अभी तक 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है.
वहीं सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि घटनास्थल के पास के सीसीटीवी कैमरे खराब थे. साजिश के तहत सीसीटीवी कैमरों को धमाके से पहले खराब किया गया था.
अठारह जनवरी को यासीन भटकल और मंजर के बीच मीटिंग हुई थी. खूफिया एजेंसियों ने हैदराबाद के एक लॉज में मंजर को दबोचने के लिए दबिश भी डाली थी लेकिन मंजर तीन घंटे पहले ही भाग निकला था. हैदराबाद के लॉज अमितेश सिन्हा के नाम से रुका था मंजर.
हालांकि सीसीटीवी कैमरे खराब होने से कई अहम सुराग मिट सकते हैं. पुलिस ने संदिग्ध साइकिल की पहचान कर ली है. इससे पहले शिंदे सुबह पांच बजे दिल्ली से हैदराबाद के लिए रवाना हुए थे.