सरकार और विपक्ष के बीच कई दिनों तक चला गतिरोध खत्म हुआ तो शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा पहुंचे. प्रधानमंत्री कोयला आवंटन से संबंधित गायब फाइलों के बारे में बोलने को तैयार होते, लेकिन इससे पहले ही तेलंगाना विरोधी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही ठप्प हो गई. पीएमओ का कहना है, ‘हम बोलने को तैयार हैं, लेकिन विपक्ष सुनना ही नहीं चाहता.’
कोयला खदान आवंटन मामले की गायब फाइलों के आंकड़े को लेकर भी एक बड़ा अंतर्विरोध सामने आया. कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने राज्यसभा में बताया कि सीबीआई द्वारा मांगी गई फाइलों में से केवल 7 फाइलें गायब हैं. जबकि सीबीआई का कहना है कि उसे अभी तक वे 225 फाइलें नहीं मिली हैं, जिनके आधार पर सभी 13 एफआईआर और पुलिस शिकायतों की जांच होनी है.
जायसवाल ने बताया कि 769 फाइलें, डाक्यूमेंट और पेपर सीबीआई के हवाले कर दिए गए हैं, जिनमें कुल एक लाख 50 हजार पेज शामिल हैं. यही नहीं सीबीआई को 26 सीडी भी सौंपी गई हैं. उन्होंने बताया कि सीबीआई ने 43 फाइलें मांगी थीं, जिनमें से 21 उन्हें दी जा चुकी हैं और अन्य 15 सीबीआई को सौंपी जाने के लिए तैयार रखी हैं. हम सात गायब फाइलों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
सीबीआई के मई में कोयला खदान आवंटन से संबंधित फाइलें मांगने के बाद से पहली बार कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने गुरुवार को सीबीआई को जवाब दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कोयला घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश को लेकर सरकार को फटकार लगाई है. मई में सीबीआई ने माना था कि सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने रिपोर्ट देने से पहले कानून मंत्रालय और पीएमओ के अधिकारियों ने कोयला घोटाला से जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट में बदलाव किए थे.