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जासूसी कांड: पाक उच्चायोग के अफसरों पर महीनों से थी नजर, करोलबाग में रंगे हाथ पकड़ा

मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट को इनपुट मिले थे कि पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद और ताहिर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाते हैं.

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जासूसी के आरोप में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी पकड़े (फोटो-PTI)
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी पकड़े (फोटो-PTI)

  • मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट ने चलाया ये अभियान
  • आरोपियों के बारे में मिल रहे थे लगातार इनपुट
  • इन पर लगातार नजर रख रही थी इंटेलिजेंस यूनिट

पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को भारत में रहकर जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया है. पाकिस्तान के उप राजदूत को इस बारे में एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे.

मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट की थी नजर

असल में, जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी उच्चायोग के 2 वीजा सहायकों को हिरासत में लिया गया. इन्हें भारतीय सुरक्षा तैयारियों सहित आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं की जासूसी करने का आरोप में हिरासत में लिया गया. इनके ड्राइवर को भी पकड़ा गया है.

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सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट (MIU) को इनपुट मिले थे कि पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद और ताहिर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाते हैं. खुद को इंडियन बताकर पहले उनसे दोस्ती करते, और फिर उन्हें अपने झांसे में लेने की कोशिश करते ताकि उनसे खुफिया जानकारी हासिल की जा सके.

आईएसआई देती थी लिस्ट

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इनको लिस्ट देती थी कि किसे निशाना बनाना है. मगर MIU की टीम को इनके बारे में पता चल गया था. इसीलिए मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट इन्हें पकड़ने के लिए अपना ऑपरेशन शुरू किया था और इन पर लगातार नजर रखी जा रही थी.

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यह जानने के बाद कि आर्मी के संबंध में जानकारी और दस्तावेज हासिल करने के लिए आबिद और ताहिर करोल बाग में एक व्यक्ति से मिलने जा रहे हैं, तो उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया. मिलिट्री इंटेलिजेंस के साथ स्पेशल सेल की एक टीम ने उन्हें दिल्ली के करोल बाग इलाके में आर्य समाज रोड पर बीकानेर वाला चौक के पास पकड़ा. दोनों को पाकिस्तान उच्चायोग से मिली आधिकारिक कार से बाहर आने के लिए कहा गया.

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सरनेम की गलत स्पेलिंग से आए पकड़ में

पहचान के बारे में पूछे जाने पर आबिद ने भारतीय पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह गीता कॉलोनी का रहने वाला है और उसका नाम नासिर गौतम है. उसने पहचान पत्र के तौर पर अपना आधार कार्ड दिखाया. भारतीय अधिकारियों ने फौरन भांप लिया कि यह फर्जी पहचान पत्र है क्योंकि 'गौतम' की स्पेलिंग गलत लिखी हुई थी. उसके आधार कार्ड पर गौतम की जगह 'गोतम' लिखा हुआ था. जब पूछताछ की गई, तो जल्द ही दोनों ने कबूला कि दोनों पाकिस्तान के नागरिक हैं और दिल्ली में उच्चायोग में तैनात हैं.

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पूछताछ के दौरान 42 साल के आबिद हुसैन ने बताया कि वह शेखपुरा, पंजाब, पाकिस्तान का रहने वाला है. जबकि 44 साल का मोहम्मद ताहिर ने स्वीकार किया कि वह इस्लामाबाद का है. दोनों वीज़ा अधिकारी के रूप में दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करते हैं. 36 साल के जावेद हुसैन ने भी कबूल किया कि वह पाकिस्तान में भक्कर का निवासी है और उन दोनों के लिए ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था.

पुलिस ने उनके पास से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है. स्पेशल सेल की एक टीम उनसे यह पता लगाने के लिए पूछताछ कर रही है कि उन्होंने ये दस्तावेज किससे प्राप्त किए और वे सभी भारत और पाकिस्तान में किसके संपर्क में थे.

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