scorecardresearch
 

'समलैंगिकता मानसिक कुंठा की उपज है'

इंडिया टुडे के संपादक प्रभु चावला ने आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव से बात की. बाबा रामदेव ने समलैंगिकता के खिलाफ अपनी मुखर राय पेश की और कहा कि यह संगठित सेक्स अपराध है. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंशः

Advertisement
X

आपने एक नया विषय चुना है. एक ब्रह्मचारी के लिए समलैंगिकता जैसे विषय को चुनना अपने आपमें एक बड़ी खबर है.

जिन लोगों का चरित्र ही कुछ नहीं है, जो बीमार मानसिकता के शिकार हैं, इस पूरे समाज को चरित्रहीन समाज बनाना चाहते हैं तो क्या मैं उनके खिलाफ न बोलूं?

इसमें बीमार मानसिकता क्या है? हर आदमी की अपनी-अपनी पसंद होती है. अगर एक आदमी को एक आदमी से प्यार हो गया तो उससे आपको क्या तकलीफ है?

प्रेम से मुझे कोई तकलीफ नहीं है. प्रेम हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी धरोहर है. जो समलैंगिकता की भाषा में बात करते हैं, आदमी को मादा बोल रहे हैं, इससे बड़ा मानसिक दिवालियापन क्या होगा?

समलैंगिकता का कानून महिलाओं के लिए भी तो लागू है.

यह अतार्किक और अवैज्ञानिक बात है. कुल, वंश, परंपरा, सदाचार, लोकाचार के खिलाफ बात है. हमें संविधान के अनुच्छेद 14 से 30 तक समता और स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं. वहीं संविधान के अनुच्छेद 19 में यह भी कहा गया है कि लोक व्यवस्था, सदाचार के विपरीत हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रताएं..... मैं इनको स्वतंत्रता नहीं बल्कि मूर्खता और उच्छृंखलता कहता हूं. इन लोगों को गलत आदत पड़ गई है. इनको उचित यौनाचार, सदाचार के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए. इनके लिए पुनर्वास केंद्र होने चाहिए, न कि कानूनन संरक्षण देना चाहिए.

आपको किसने ठेका दे दिया कि यह उचित है, यह अनुचित. यह हमारी निजी पसंद है कि कौन किस तरह जीवन बिताना चाहता है. आप इसे बीमारी मानते हैं क्या?

हां, यह एक ऐसी बीमारी है जो मानसिक कुंठा की उपज है. यदि आप डब्लूएचओ की स्वास्थ्य की परिभाषा देखें: हेल्थ इज ए स्टेट ऑफ कंप्लीट फिजिकल, मेंटल ऐंड सोशल वेल बीइंग. इसमें फिजिकल गड़बड़ी है और मानसिक गड़बड़ी है. काम में अंधा होकर आदमी गलत बात को सही ठहराने लगे और संविधान का सहारा लेने लगे. यह जेनेटिक डिसॉर्डर है. जो लोग मौन होकर इसे समर्थन दे रहे हैं, वे सारे के सारे कहीं-न-कहीं समलैंगिक हैं.{mospagebreak}डब्लूएचओ ने हटा दिया इस परिभाषा को, इसे बीमारी नहीं मानते.
गलत व्याख्या करने लगें तो क्या करें. ये लोग कल कहेंगे कि हमें विवाह की स्वतंत्रता दो.

मध्य प्रदेश में ऐसा हुआ है?

ये लोग कल संपत्ति के बंटवारे की बात करेंगे. जो खुद एक प्राकृतिक जीवन नहीं जी रहा है, जो मां नहीं है, सच्चा पिता नहीं है. एक गलत परंपरा की हम शुरुआत कर रहे हैं, इसका अंत काफी खतरनाक होगा.

आप क्या इसे परिवार या विवाह की संस्था के खिलाफ मानते हैं?

यह विवाह की संस्कृति के खिलाफ है. संसार विवाह की ही संस्कृति से चला है. समलैंगिकता एक संगठित सेक्स अपराध है.

कह सकते हैं कि दाढ़ी रखना और टाइ लगाना गलत है.

दाढ़ी रखना, खाने-पीने की चीज की आदत होना न तो प्रकृति के विरुद्ध है न ही विज्ञान के. एक आदमी दूसरे का शारीरिक शोषण करता है. उसमें एक ही आदमी पुरुष की तरह व्यवहार करता है और दूसरा मादा की तरह.

एक पुरुष मादा बनने को तैयार है तो आपको क्या तकलीफ है?

यह नैतिक, सामाजिक दृष्टि से दंडनीय अपराध है. सबसे बड़ी हानि चरित्रहीनता की है. यह बहुत बड़ी साजिश है हमारे सामाजिक ताने-बाने और सदाचार को तोड़ने की.

लोगों का मानना है कि आप उनके व्यक्तिगत जीवन में दखल दे रहे हैं.

जो लोग हमारे सामाजिक और आध्यात्मिक मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं, उनके खिलाफ बोल रहा हूं. पूरी दुनिया में भारत की परिवार व्यवस्था आज भी सर्वश्रेष्ठ है. कुछ सिरफिरे लोगों को कानूनी संरक्षण देने की बात की जा रही है. बात सीधी-सी है कि इस देश के लोगों का दूसरे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इसे उठाया जा रहा है.{mospagebreak}आपने परिवार संस्था की बात की फिर भी इस देश में बलात्कार होते हैं.

बलात्कारियों, भ्रष्टाचारियों, आतंकवादियों के खिलाफ मृत्युदंड का कानून बनाएं. कानून ऐसा बनाएं कि सबको सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक न्याय मिले, न कि समलैंगिकता को बढ़ावा देने के लिए.

यह बीमारी ठीक हो सकती है या नहीं.

हम इनके लिए वास्तव में एक पुनर्वास केंद्र बनाएंगे और इन लोगों को उचित यौन व्यवहार के लिए प्रेरित करेंगे.

आपने भारतीय स्वाभिमान संगठन बनाया. अपने उम्मीदवारों का समर्थन कब से शुरू करेंगे?

व्यवस्था परिवर्तन हमारा उद्देश्य है, न कि सत्ता परिवर्तन.

आप अपने शिष्यों को अगले चार साल के लिए क्या शिक्षा देंगे?

अपने वैयक्तिक चरित्र का निर्माण करें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें.

आज के दौर में आपका सपना क्या है?

देश को उसका स्वर्णिम अतीत दिलाना. मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती.

Advertisement
Advertisement