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हेडली ने वीजा आवेदन के समय नहीं किया था पाकिस्तानी मूल का खुलासा

मुम्बई हमलों में लश्कर ए तैयबा के संदिग्ध अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने भारतीय वीजा के लिए आवेदन करते समय अपने पाकिस्तानी मूल के बारे में खुलासा नहीं किया था जिससे शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को उस पर किसी तरह का शक नहीं हुआ.

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मुम्बई हमलों में लश्कर ए तैयबा के संदिग्ध अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने भारतीय वीजा के लिए आवेदन करते समय अपने पाकिस्तानी मूल के बारे में खुलासा नहीं किया था जिससे शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को उस पर किसी तरह का शक नहीं हुआ.

भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार दाउद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली ने अपने वीजा आवदेन में अपने अंतिम नाम के रूप में ‘हेडली’ लिखा और अपने पिता का नाम ‘विलियम हेडली’ लिखा. एफबीआई द्वारा उसके खिलाफ दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि 166 लोगों की जान लेने वाले मुम्बई हमलों की साजिश में आरोपी बनाए गए हेडली ने अपना नाम बदलकर डेविड हेडली संभवत: इसलिए रखा ताकि वह अपनी मुस्लिम या पाकिस्तानी मूल की पहचान को छिपा सके.

हेडली ने वीजा आवेदन में अपने पाकिस्तानी मूल का खुलासा नहीं किया और इसका पता इसलिए नहीं लगाया जा सका कि अमेरिकी पासपोर्ट में माता-पिता का नाम नहीं लिखा होता. इतना ही नहीं, पासपोर्ट में उसका जन्मस्थान वाशिंगटन लिखा हुआ है. हेडली द्वारा दी गई सूचना उसके पासपोर्ट और उसके द्वारा जमा किए गए कागजात से मेल खाती थी. चूंकि अमेरिकी पासपोर्ट में माता-पिता तथा पिछली नागरिकता जैसी चीजों का जिक्र नहीं होता इसलिए वाणिज्य दूतावास को उसके बारे में शक नहीं हुआ.

इतना ही नहीं हेडली और उसके साथी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा दोनों के नाम भारत सरकार की काली सूची या दूतावास की सूची में भी शामिल नहीं थे क्योंकि तब तक उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल खुफिया जानकारी नहीं मिली थी. हेडली (48) और राणा (49) को भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने तथा मुम्बई हमलों के सिलसिले में अक्‍टूबर में एफबीआई ने गिरफ्तार किया था. मुम्बई हमलों में छह अमेरिकी नागरिक भी मारे गए थे.

हेडली तथा राणा के वीजा दस्तावेजों के गायब होने की खबरों के चलते विदेश मंत्रालय को शिकागो स्थित भारतीय मिशन से यह कहना पड़ा था कि हकीकत के बारे में अवगत कराया जाए. हालांकि बाद में मूल वीजा आवेदन और उसके साथ लगाए गए दस्तावेज शिकागो वाणिज्य दूतावास के रिकॉर्ड रूम से सही सलामत मिल गए थे. हेडली और राणा ने भारतीय मिशन द्वारा जारी बहु प्रवेश वीजा पर भारत की यात्रा की थी. हेडली ने लश्कर ए तैयबा की ओर से आतंकवादियों के निशाने वाली जगहों की वीडियोग्राफी करने और तस्वीरें लेने के लिए कई बार भारत की यात्रा की.

राणा और उसकी पत्नी सामराज अख्तर ने अपने वीजा आवेदनों में अपने पाकिस्तानी मूल का खुलासा किया था. हालांकि गृह मंत्रालय द्वारा 2005 में जारी सर्कुलर के अनुसार पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिकों से उनके पूर्व का ब्यौरा हासिल करने की जरूरत नहीं है. राणा ने ‘इमिग्रेशन लॉ सेंटर’ से व्यवसाय प्रायोजक पत्र सौंपे थे. उसने अपने पते के सबूत के रूप में कुक काउंटी की ओर से जारी संपत्ति कर नोटिस की मूल प्रति को जमा किया था.

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