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सरकार गिरने के बाद राजनीति से संन्यास की तैयारी में कुमारस्वामी, कहा- गलती से बन गया था CM

कुमारस्वामी ने कहा, भगवान ने दो बार सीएम बनने का मौका दिया. 14 महीनों में राज्य के विकास के लिए अच्छा काम किया. मैं इससे संतुष्ट हूं.

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (फाइल फोटो)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (फाइल फोटो)

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि वे राजनीति से दूर जाने की सोच रहे हैं. उनका कहना है कि वे गलती से राजनीति में आ गए. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि वे गलती से सीएम भी बन गए. भगवान ने दो बार सीएम बनने का मौका दिया. उन्होंने कहा, 14 महीनों में राज्य के विकास के लिए काफी अच्छा काम किया. मैं अपने काम से संतुष्ट हूं.

एचडी कुमारस्वामी ने कहा, 'मैं इस पर गौर कर रहा हूं कि आज की राजनीति कहां जा रही है. यह अच्छे लोगों के लिए नहीं है बल्कि पूरी राजनीति जाति पर टिक गई है. अब इसे मेरे परिवार में न लाएं. मैंने पद छोड़ दिया. अब मुझे शांति से रहने दें. मुझे आगे राजनीति में नहीं रहना है. जब मैं सत्ता में था तो अच्छा काम किया. मैं लोगों के दिल में शांति देखना चाहता हूं.'

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अभी हाल में कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार गिर गई. वहां कांग्रेस और जनता दल सेकुलर (जेडीएस) की गठबंधन सरकार थी. दोनों पार्टी के कई विधायकों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सरकार पर संकट के बादल मंडरा गए. विपक्ष की मांग पर स्पीकर रमेश कुमार ने ट्रस्ट वोट कराया जिसमें कुमारस्वामी बहुमत नहीं दिखा सके. कुमारस्वामी के ट्रस्ट वोट के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े. बाद में उनकी सरकार गिर गई. हालांकि स्पीकर रमेश कुमार ने इस्तीफा देने वाले सभी बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया.

कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा की अगुआई में वहां सरकार बनाई है. इस पर कर्नाटक कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख बी.एस. येदियुरप्पा ने खरीद फरोख्त करने के बाद लोकतंत्र को पलटा और सत्ता में आ गए. कांग्रेस ने ट्वीट किया, "भ्रष्टाचार के प्रतीक और जेल में रह चुके बी.एस. येदियुरप्पा ने अपनी बेहतरीन खरीद-फरोख्त का इस्तेमाल करते हुए लोकतंत्र को पलटा और सत्ता में आ गए." कांग्रेस ने आगे कहा, "कर्नाटक की जनता ने 2008-2011 तक मुख्यमंत्री के रूप में उनके विनाशकारी कार्यकाल को देखा है, जिसका अंत येदियुरप्पा के जेल जाने पर हुआ था. इतिहास खुद को दोहराने के लिए तैयार है."

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