दिल्ली में जहरीली धुंध का मुद्दा अब दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राजनीतिक लड़ाई बनता जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से इस मसले पर पहले मिलने का समय मांगा तो अब खट्टर ने जवाब में केजरीवाल पर ही सवाल दाग दिए. दोनों नेता एक-दूसरे से मुलाकात को लेकर हर घंटे नई बात बता रहे हैं.
सोमवार को पहले मनोहर लाल खट्टर ने अरविंद केजरीवाल से कहा कि मैं दिल्ली में हूं, कहां है आपकी मीटिंग? खट्टर ने जब केजरीवाल से ये सवाल किया तो अरविंद केजरीवाल ने भी इसका जवाब देने में देरी नहीं की. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर गेंद फिर से खट्टर से पाले में डाल दी.
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सर, मेरा ऑफिस लगातार मीटिंग तय करने की कोशिश कर रहा है.' केजरीवाल ने सीधे तौर पर खट्टर को ये जवाब दिया. इसके बाद केजरीवाल ने सोमवार शाम एक और ट्वीट कर खट्टर से बात होने की जानकारी दी.
इस ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ''खट्टर जी मुझे फोन किया. वो कल दिल्ली में रहेंगे. उन्होंने कहा है कि वो व्यस्त हैं, इसलिए दिल्ली में नहीं मिल सकते. खट्टर जी ने मुझसे बुधवार को चंडीगढ़ में मिलने के लिए कहा है.'
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में ये जरूर कहा है कि मैं बुधवार को चंडीगढ़ में उनके साथ मीटिंग की उम्मीद करता हूं.
दरअसल, दिल्ली में स्मॉग बढ़ने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर समस्या पर चर्चा करने की बात कही थी. इसके बाद केजरीवाल ने खट्टर को लेटर भी लिखा. जिसका मुख्यमंत्री खट्टर ने लेटर से जवाब देते हुए उन पर सवाल दाग दिए.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केजरीवाल से सवाल किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के इलाकों में पराली जलाने से रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं? साथ ही खट्टर ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए वह केजरीवाल से 'कभी भी, कहीं भी' मिलने को तैयार हैं.
केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में खट्टर ने कहा है कि दिल्ली में करीब 40,000 हेक्टेयर जमीन पर करीब 40,000 परिवार खेती करते हैं. खट्टर ने 10 नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा है, 'मैं आठ नवंबर की आपकी चिट्ठी के जवाब में यह लिख रहा हूं. मेरा मानना है कि कोई एक व्यक्ति, संगठन या सरकार वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं कर सकती है. ऐसी सामूहिक समस्याओं के समाधान के लिए सभी को अपने-अपने हिस्से का काम करना होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात, इन सकारात्मक कदमों के परिणाम को बेहतर बनाने के लिए मजबूत प्रक्रिया की जरूरत है.'
वहीं पिछले सप्ताह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने कहा था कि चूंकि यह कई राज्यों के बीच का मामला है, इसलिए इसमें केन्द्र का हस्तक्षेप अनिवार्य है.