देश में जीएसटी लॉन्च होने में महज कुछ घंटे बचे हैं. संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून की रात 12 बजे ऐतिहासिक कर सुधार कर मोदी सरकार नए कीर्तिमान रचने की तैयारी में है. इस व्यवस्था से देश का आम आदमी भी प्रभावित होगा. कुछ मायनों में उसे फायदा होता नजर आ रहा है तो कुछ जगहों पर उसे घाटा होता दिख रहा है. अगर आप फोन पर लंबी बात करते हैं जो समझ लीजिए कि आपकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है.
जीएसटी लागू होने से मोबाइल फोन बिल बढ़ने का अनुमान है और प्रीपेड ग्राहकों को रिचार्ज करने पर अपेक्षाकृत कम टॉकटाइम मिलेगा. माल एवं सेवा कर के तहत दूरसंचार सेवाओं पर वर्तमान 15 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में आएंगी. इसका तात्पर्य है कि उपभोक्ता को जो पहले 100 रुपये का रिचार्ज करने पर 83 रुपये का टॉकटाइम मिलता था, अब उसे महज 80 रुपये मिलेगा.
इसी तरह पोस्टपेड ग्राहकों के लिये भी लागत 3 प्रतिशत बढ़ जाएगी. ऐसे में 1000 रुपए के मासिक उपयोग के लिए उपयोगकर्ताओं को वर्तमान के 1150 रुपए के स्थान पर 1180 रुपए भरने होंगे. लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि दूरसंचार कंपनियां कर में वृद्धि का कुछ बोझा अपने ऊपर लेती हैं या नहीं. क्योंकि वे इनपुट क्रेडिट का दावा कर सकती हैं या फिर पूरा बोझा ग्राहकों पर डाल सकती हैं.