ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए मतदान मंगलवार सुबह शुरू हो गए. तेलंगाना बनने के बाद पहली बार GHMC चुनाव हो रहे हैं और इस बार चुनाव में हिस्सा ले रही सभी पार्टियों के लिए ये किसी परीक्षा से कम नहीं है.
1300 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
150 वार्ड के लिए 1300 उम्मीदवार मैदान में हैं और करीब 75 लाख मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. GHMC के दायरे में 150 वार्ड आते हैं जो तेलंगाना के 24 विधानसभा क्षेत्रों में फैले हैं.
Voting for Greater Hyderabad Municipal Corporation polls underway in Hyderabad, Bandaru Dattatreya casts his vote. pic.twitter.com/tA4hDxzG96
— ANI (@ANI_news) February 2, 2016
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गए, जो शाम 5 बजे तक चलेंगे. सुरक्षा के लिए और किसी भी अवांछित घटना को टालने के लिए लगभग 40,000 सुरक्षा कर्मियों और अन्य को तैनात किया गया है.
मतदान प्रक्रिया की वेबकास्टिंग
मतदान प्रक्रिया की वेबकास्टिंग भी की जा रही है. केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और पंचायतीराज मंत्री के टी रामाराव, लोकप्रिय फिल्म अभिनेता और एपी तेदेपा के विधायक एन बालकृष्णा, उनके दामाद और तेदेपा महासचिव एन लोकेश आदि ने सुबह मतदान किया. एन लोकेश आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के पुत्र हैं. मतगणना शुक्रवार को होगी.
प्रचार में नहीं छोड़ी कोई कसर
GHMC की चुनाव प्रक्रिया ने लोगों को विधानसभा चुनाव की याद दिला दी क्योंकि प्रचार के लिए सभी बड़े दलों के वरिष्ठ नेताओं ने महीनों धुआंधार प्रचार किया. बीजेपी-टीडीपी गठबंधन के प्रत्याशी के लिए केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, एम वेंकैया नायडू, राधा मोहन सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, हंसराज अहीर और बंडारू दत्तात्रेय ने प्रचार किया था.
शहर को आईटी हब बनाने का श्रेय लेने वाले टीडीपी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गठबंधन के प्रत्याशी के लिए दो दिन प्रचार किया. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किया. स्थानीय निकाय चुनाव के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, उनके बेटे और राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं पंचायती राज मंत्री के टी रामाराव ने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. एमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक रहे.
बीफ भी बना चुनावी मुद्दा
एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव प्रचार के दौरान बीफ को भी मुद्दा बनाया था. देशभर में विवाद का विषय रहे 'बीफ' को वो नगर निगम चुनाव में घसीटना नहीं भूले. एक सभा में ओवैसा ने लोगों से कहा था कि अगर वो बीफ खाना चाहते हैं तो उनकी पार्टी को जीत दिलाएं. उन्होंने कहा, 'अगर चुनावों में एमआईएम हार गई तो मैं आपसे कह रहा हूं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बीफ खाना छोड़ना होगा.'