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देश से बाहर सर्वर रखने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने में सरकार की सांस फूली

भारत सरकार ने हाल ही में कुछ वेबसाइटों और लिंक्स को ब्लॉक करने का फैसला किया. 32 ऐसी वेबसाइटों का परिचालन भारत में बंद कर दिया गया, जिनपर देश के खिलाफ कंटेंट था या आतंकियों के समर्थन में कुछ था. लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन वेबसाइटों को लेकर है, जिनके सर्वर देश से बाहर हैं.

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भारत सरकार ने हाल ही में कुछ वेबसाइटों और लिंक्स को ब्लॉक करने का फैसला किया. 32 ऐसी वेबसाइटों का परिचालन भारत में बंद कर दिया गया, जिनपर देश के खिलाफ कंटेंट था या आतंकियों के समर्थन में कुछ था. लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन वेबसाइटों को लेकर है, जिनके सर्वर देश से बाहर हैं. सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी वेबसाइटों के मामले में सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि इनमें से कई वेबसाइटों में कॉन्टैक्ट डिटेल है ही नहीं. इनके मालिक का कुछ पता नहीं है और इनके सर्वर विदेशों में कहीं लगे हैं.

एजेंसियां ऐसी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ महसूस कर रही हैं, जिनकी कोई कॉन्टैक्ट डिटेल पता नहीं लग रही है और इनके सर्वर भी अमेरिका या यूरोप में हैं. इन वेबइसाइटों पर धड़ल्ले से देश के खिलाफ अभियान और चर्चा चल रही है, यही नहीं कई आतंकी गुट भी इन पर सक्रिय हैं.

भारत सरकार ने कुछ वेबसाइटों और लिंक्स को ब्लॉक करने का फैसला किया. 32 ऐसी वेबसाइटों का परिचालन भारत में बंद हो गया है जो देश के खिलाफ या आतंकियों का समर्थन कर रहीं थीं. इनमें से केवल 7 वेबसाइटों ने सरकारी नोटिस का जवाब दिया और माना कि वे देश के खिलाफ कंटेंट को मान्य नहीं करेंगी.

इन वेबइसाइटों के जरिए ISIS से जुडे कंटेंट को प्रचारित किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद ये कदम उठाया गया था. इन वेबसाइटों पर सरकारी जांच में सहयोग ना करने का भी आरोप लगा था. इन वेबसाइटों से आपत्त‍िजनक सामग्री हटाने के लिए कहा गया था, जिन्होंने सरकार का आदेश माना उन्हें दोबारा शुरू कर दिया गया और अन्य को भारत में बंद कर दिया गया है.

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इन 32 वेबसाइट को बंद करने के कदम को लेकर ट्विटर व सोशल मीडिया के दूसरे मंचों पर हो रही आलोचना से बेफिक्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. सरकार की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त की गई, जब यह पाया गया कि देश में अशांति पैदा करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मकसद से इन वेबसाइट पर सामग्री पोस्ट की गईं.

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कुछ वेबसाइट का इस्तेमाल ISIS के कथित सदस्य अरीब मजीद के बारे में सामाग्री का दुष्प्रचार करने व कनार्टक के भटकल के निवासी अनवर हुसैन की मौत के बारे में दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया गया. मजीद को एनआईए ने गिरफ्तार किया है. अदालत के आदेश के मद्देनजर विभाग ने इन वेबसाइट की सामाग्री की जांच की और कहा कि ये वेबसाइट सोशल मीडिया वेबसाइट नहीं हैं.

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