केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री वी नारायणसामी ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार निरोधी लोकपाल विधेयक पर बजट सत्र के दूसरे चरण में अगले महीने चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों से सरकारों ने लोकपाल को पारित कराने का प्रयास किया है जिस पर यह गलत धारणा बन रही है कि अन्ना हजारे और अन्य लोगों के आंदोलन के कारण इस पर काम तेज हुआ है.
नारायणसामी ने यहां संपादकों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘विवादास्पद लोकपाल विधेयक को हम संसद में पारित कराने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार ने लोकपाल पर बहुत काम किया है. विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है. यह राज्यसभा में गया जहां इसे प्रवर समिति को भेजा गया.’
उन्होंने कहा, ‘समिति ने अपनी सिफारिशें दीं और अब मैंने राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के लिए अनुरोध किया है. हम 22 अप्रैल के बाद इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं.’ गत 21 फरवरी को शुरू हुआ बजट सत्र का पहला चरण 22 मार्च को समाप्त हो गया. अब एक महीने के अवकाश के बाद इसका दूसरा चरण 22 अप्रैल को शुरू होकर 10 मई तक चलेगा.
नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हजारे के आंदोलन शुरू करने से महीनों पहले भ्रष्टाचार रोकने के उपायों पर मंत्रिसमूह बना दिया था. उन्होंने कहा कि मंत्रिसमूह इस पर विचार कर रहा है.
क्या प्रस्तावित लोकपाल विधेयक से निचले स्तर पर भ्रष्टाचार रुकेगा, इस प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि सभी श्रेणियों के कर्मचारी केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्यक्षेत्र में आएंगे जो लोकपाल से कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है.
मंत्री ने कहा, ‘जब तक लोगों की सोच नहीं बदलेगी, कुछ नहीं होगा. हम अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की दिशा में काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में संशोधनों पर भी काम कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘रिश्वत देने वाले को भी दंडित करने के लिए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून में संशोधन किया जा रहा है. अभी तक केवल रिश्वत लेने वाले को दंडित किया जाता है. अब रिश्वत देने वाला भी इसकी जद में आएगा.’ नारायणसामी ने कहा कि हमारे देश में ‘मीडिया ट्रायल’ हो रहा है. मीडिया लोगों को आरोपी बता रही है और सजा सुना रही है. यह नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार कागजरहित दफ्तरों के लिए ई-गर्वनेंस पर जोर दे रही है.
नारायणसामी ने कहा कि अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कई विधेयक लाये गये हैं. मंत्री ने कहा, ‘नागरिकों को वस्तुओं और सेवाओं की समय पर आपूर्ति तथा उनकी शिकायतों के निवारण के लिए विधेयक, 2011 का उद्देश्य नागरिक संहिता को वैधानिक बनाना और लोगों को समय पर सेवा का लाभ उठाने का अधिकार देना है.’ नारायणसामी ने कहा, ‘सरकार बजट सत्र में सरकारी संशोधन पेश करने के सारे प्रयास कर रही है.’ उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के माध्यम से व्यापक सुधारों के प्रयास किये जाते हैं.
दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) का गठन 2005 में देश में सरकारी प्रशासनिक प्रणाली में सुधार के लिए विस्तृत खाका तैयार करने के लिए किया गया था. नारायणसामी ने कहा, ‘एआरसी ने 1251 सिफारिशों वाली 15 रिपोर्ट दी हैं. इन 1251 सिफारिशों में से सरकार ने 900 से अधिक सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.’