जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि लगभग 20 साल पहले जम्मू-कश्मीर छोड़कर गये कश्मीरी पंडितों को वापस बुलाये जाने के लिये जहां उन्हें पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध करायी जायेगी वहीं उनके लिये विशेष आर्थिक पैकेज का भी निर्णय लिया गया है.
एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएश ऑफ इंडिया के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने आये उमर अब्दुल्ला नें शनिवार को संवाददाताओ से चर्चा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि 20 साल पहले वादियों को छोडकर गये कश्मीरी पंडितों को वापस लाया जाये. उन्होंने कहा कि इसके लिये जहां उन्हें सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी वहीं उनके लिये आर्थिक पैकेज के तहत पांच हजार नौकरियां सुरक्षित रखी गयीं हैं.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उनके मकान आदि ठीक कराने की भी कोशिश की जा रही है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार उनको सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायेगी और जैसे-जैसे उनको सुरक्षा को अहसास होगा तो हमें अपने उद्देश्य में कामयाबी मिलेगी. एक प्रश्न के उत्तर में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना का संबंध सुरक्षा से ही है और यदि वहां के सूरते-हाल को देखते हुए यदि इसमें कोई परिवर्तन होता है तो उसे करना चाहिये.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री भी चाहते हैं कि धीरे धीरे जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकार बढाये जायें और सेना को कम किया जाये. लेकिन साथ ही उनका कहना था कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जायेगा कि वहां बेहतरी के और बढते हालातों को कोई नुकसान पहुंचे. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उमर अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि वर्ष 2008 के मुकाबले वर्ष 2009 में और इस साल के पहले 15 दिनों में जम्मू कश्मीर में घुसपैठ में वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि पड़ोस से घुसपैठ की जबर्दस्त कोशिश की जा रही है लेकिन सीमा सुरक्षा बल और सेना ने इस पर काबू पाया है. जम्मू-कश्मीर में सगीर कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसाओं के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले में बहस के बाद मिल-बैठकर कोई सूरते-हाल खोजी जायेगी. भाजपा द्वारा सगीर कमेटी की रिपोर्ट का विरोध किये जाने और इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाये जाने के संबंध में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने भाजपा की आपत्ति पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि भाजपा देश में मंदिर-मस्जिद को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बना पायी तो इसे कैसे राष्ट्रीय मुद्दा बना सकती है.
उमर अब्दुल्ला का कहना था कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हो गयी है और अब वहां पर्यटक बिना किसी चिंता के आ-जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल ही छह लाख देशी विदेशी पर्यटक आये थे और अभी भी पांच छह सौ पर्यटक रोज जम्मू कश्मीर पहुंच रहे हैं.
लाल चौक में हाल ही दो आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लाल चौक में जो हुआ वह हमारी कामयाबी थी क्योंकि हमें पहले ही मालूम पड़ गया था कि दो आतंकी वहां घुसे हैं और सुरक्षा बलों से बचने के लिये ही वे होटल में घुसे थे लेकिन सुरक्षा बलों ने बिना किसी बड़े नुकसान के उनका सफाया कर दिया. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन के विकास के लिये किये गये कार्यो की प्रशंसा करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का ही नतीजा है कि एडवेंचर टूर आपरेटर्स आफ इंडिया का आठवां राष्ट्रीय सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया गया है.