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दिल्ली में किसानों के आक्रोश मार्च के पीछे ये हैं पांच बड़े किरदार

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा संगठनों के बैनर तले हजारों किसान आज राजधानी की सड़कों पर उतरे हैं. समिति के मुताबिक देश के 11 राज्यों से लोग दिल्ली आए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों की कई मांगें हैं लेकिन एक मांग जिसे प्रमुखता से सामने रखा जा रहा है वो किसानों की हालत पर गंभीरता से विचार करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की है. मांग है कि सत्र में 20 दिन तक खेती-किसानी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जाए और कानून बनाए जाएं.

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फाइल फोटो (अंकित अग्रवाल/फोटोग्राफर्स फॉर फार्मर्स)
फाइल फोटो (अंकित अग्रवाल/फोटोग्राफर्स फॉर फार्मर्स)

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा संगठनों के बैनर तले हजारों किसान आज राजधानी की सड़कों पर उतरे हैं. समिति के मुताबिक देश के 11 राज्यों से लोग दिल्ली आए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों की कई मांगें हैं लेकिन एक मांग जिसे प्रमुखता से सामने रखा जा रहा है वो किसानों की हालत पर गंभीरता से विचार करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की है. सत्र में 20 दिन तक खेती-किसानी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जाए और कानून बनाए जाएं. गांव-देहात में अपने खेत में पसीना बहा रहे इन किसानों को एकजुट कर दिल्ली में विशाल मोर्चे की शक्ल देने के पीछे कई लोगों की मेहनत और दिमाग है. इनमें पत्रकार, किसान नेता, सामाजिक कार्यकर्ता सब शामिल हैं.

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पी साईंनाथ, वरिष्ठ पत्रकार

पी साईंनाथ देश के बड़े पत्रकार हैं. लंबे वक्त से देश में खेती-किसानी, ग्रामीण हालात और गरीबी की पत्रकारिता करते रहे हैं. इन्होंने ग्रामीण संवाददाता के तौर पर काम किया और अंग्रेजी के एक अखबार में ग्रामीण मामलों के संपादक रहे. जाने-माने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने इन्हें अकाल और भुखमरी का विशेषज्ञ माना है. कुछ दिनों पहले पी साईंनाथ ने एक सेमिनार में ऐसे एक प्रदर्शन की जरूरत पर बात की थी. उन्होंने कहा था कि देशभर के किसान-मजदूर संगठन एक साथ आएं और दिल्ली चलें. पी साईंनाथ के इस सेमिनार के बाद ही किसान-मजदूर संगठनों ने एक साथ आने का फैसला किया और इस प्रदर्शन की तैयारियां शुरू हुईं.

वीएम सिंह, किसान नेता

भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएन सिंह को इस प्रदर्शन के प्रमुख लोगों में से माना जाता है. वीएन सिंह ने अलग-अलग संगठनों को एक जगह जुटाने के लिए काफी काम किया. समय-समय पर वो मीडिया में आकर इस प्रदर्शन के हक में बात करते रहे.

योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया

आम आदमी पार्टी से अलग होने के बाद योगेंद्र यादव ने स्वराज इंडिया बनाया और वो कई बार देशभर में किसानों के बीच जा चुके हैं. देश के अलग-अलग इलाकों में स्वराज इंडिया का संगठन बनाया और फिर दूर-दराज के किसानों के साथ लगातार संपर्क करते रहे. इस किसान प्रदर्शन में योगेंद्र यादव का संगठन स्वराज इंडिया महत्वपूर्ण किरदार निभा रहा है.

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राजू शेट्टी, AIKSCC सदस्य और सांसद

राजू शेट्टी भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्य हैं और महाराष्ट्र के हातकणंगले से सांसद हैं. स्वाभिमान शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलनों का चेहरा रहे हैं. इसी साल जुलाई में राजू शेट्टी ने महाराष्ट्र के 2.5 लाख दूध उत्पादक किसानों को दूध का उचित दाम दिलाने के लिए आंदोलन किया था. नवंबर में गन्ना किसानों के लिए आवाज उठाते हुए राजू शेट्टी ने चक्का जाम आंदोलन किया था. सांसद राजू शेट्टी ने 2017 में लोकसभा में दो निजी सदस्य विधेयक पेश किए थे ताकि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कृषि उत्पादों के लिए उचित दाम की गारंटी और कर्ज़ माफ़ हो सके.

केदार सिरोही

किसान नेता केदार सिरोही मध्यप्रदेश में एक जाना-माना नाम हैं. राज्यों के किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के लिए केदार सिरोही को जाना जाता है. किसान यूनियन के संस्थापक सदस्य केदार ने इसी साल सितंबर में कांग्रेस जॉइन की है.

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