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फैक्ट चेक: नील आर्मस्ट्रॉन्ग को चांद पर अजान सुनाई देने की बात में कितनी सच्चाई है?

कॉलिन्स के अनुसार, जब आर्मस्ट्रॉन्ग और एडवर्ड एल्ड्रिन चांद की सतह पर चल रहे थे, तब उन्होंने यह आवाज सुनी थी. अगर उन्हें पहले से इस आवाज के बारे में जानकारी न दी गई होती तो शायद यह आवज सुनकर वे डर जाते.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने सुनी थी चांद पर अजान की आवाज
यूट्यूब चैनल “Dr.Shaikh Saddam”
सच्चाई
वायरल वीडियो में किया गया दावा गलत है, नील आर्मस्ट्रॉन्ग इस दावे का खंडन कर चुके हैं.

चांद पर कदम रखने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने क्या वहां 'अजान' की आवाज सुनी थी? सोशल मीडिया पर वायरल एक यूट्यूब वीडियो के जरिये कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है. दावा यह भी है कि धरती पर लौटने के बाद आर्मस्ट्रॉन्ग ने खुद यह बात स्वीकार की कि उन्हें चांद पर अजान सुनाई दी थी.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है. नील आर्मस्ट्रॉन्ग की तरफ से इस बात का खंडन भी किया जा चुका है. वीडियो का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

यूट्यूब चैनल 'Dr.Shaikh Saddam ' के अलावा फेसबुक पर भी वायरल 4.05 मिनट के इस वीडियो में एक कहानी सुनाई गई है. इसके अनुसार, 'आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर छह घंटे रुके और इस दौरान उन्हें कई बार एक आवाज सुनाई दी. उन्होंने इस आवाज के बोल नोट कर लिए और धरती पर लौटने के बाद वे एक बार एक इस्लामिक देश में गए और वहां उन्होंने अजान सुनी. इस पर उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने चांद पर भी यह आवाज सुनी थी.'

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खबर लिखे जाने तक यूट्यूब पर इस वीडियो को 17 लाख से ज्यादा व्यूज और फेसबुक पर 1200 से ज्यादा शेयर्स मिल चुके थे. इस यूट्यूब चैनल के दस लाख से ज्यादा सबस्क्राइबर्स हैं.

वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की. इंटरनेट पर 'Neil Armstrong heard azaan sound on moon' कीवर्ड्स से खोजने पर हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. बीबीसी  के आर्टिकल के अनुसार, अपोलो 10 के एस्ट्रोनॉट्स ने यह खुलासा किया था कि जब वे चांद के अंधेरे वाले हिस्से में पहुंचे थे तो उन्हें एक आवाज सुनाई दी थी. यह आवाज "सीटी" के जैसी थी.

मई 1969 में अपोलो 10 के तीनों एस्ट्रोनॉट्स ने जो आवाज सुनी थी, 50 साल बाद नासा ने इस आवाज की रिकॉर्डिंग जारी की थी. इस आवाज को यहां सुना जा सकता है.

टेलिग्राफ में छपे एक आर्टिकल के अनुसार, 'अपोलो 11' के पायलट माइकल कॉलिंस ने भी चांद पर यह आवाज सुनी थी.

कॉलिन्स के अनुसार, जब आर्मस्ट्रॉन्ग और एडवर्ड एल्ड्रिन चांद की सतह पर चल रहे थे, तब उन्होंने यह आवाज सुनी थी. अगर उन्हें पहले से इस आवाज के बारे में जानकारी न दी गई होती तो शायद यह आवज सुनकर वे डर जाते. कॉलिन्स ने बताया कि रेडियो टेक्निशियंस के अनुसार, यह आवाज लूनर मॉड्यूल और कमांड मॉड्यूल के वीएचएफ रेडियो के दखल की थी. दोनों रेडियो के एक दूसरे के काफी नजदीक होने के कारण यह आवाज सुनाई दी थी.

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नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने किया था खंडन

जुलाई 1983 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग के असिस्टेंट विवियन व्हाइट ने एशियन रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर फिल पार्शल को पत्र लिखा था. इस पत्र में लिखा गया था: 'मुझे आर्मस्ट्रॉन्ग ने यह पत्र आपको लिखने को कहा है. उनके इस्लाम कबूलने या फिर चांद पर अजान की आवाज सुनने की बातों में कोई सच्चाई नहीं है. मलेशिया, इंडोनेशिया और अन्य देशों में यह रिपोर्ट बिना वेरिफिकेशन के प्रकाशित की गई है.'

नील आर्मस्ट्रॉन्ग का यह पत्र यहां पढ़ा जा सकता है. पड़ताल में यह साफ हुआ कि नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चांद पर अजान की आवाज नहीं सुनी थी.

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