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पाकिस्‍तान से कड़ी कार्रवाई की उम्‍मीद: हिलेरी क्लिंटन

अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि मुंबई पर आतंकी हमले के दोषियों को हर हाल में सजा मिलेगी. उन्‍होंने 26/11 के दोषियों के खिलाफ पाकिस्‍तान की ओर से कड़ी कार्रवाई की उम्‍मीद जताई.

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अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने रविवार को कहा कि उनका देश पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर नजर रख रहा है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को उनकी करनी का फल मिलेगा. हिलेरी ने कहा कि आतंकवाद सभी के लिए खतरा है, इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो ऐसे तत्वों को पनाह देते हैं. उनके मुताबिक हर देश को इस समस्या को पराजित करने के लिहाज से खड़ा हो जाना चाहिए. हिलेरी क्लिंटन ने दिल्‍ली से सटे गुड़गांव में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस पर नजर रख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय होगा और जिन्होंने मुंबई में भयावह हमले किये, उन्हें उनके किये की सजा मिलेगी.’’ हिलेरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से सोमावर को मुलाकात करेंगी.

अमेरिकी विदेश मंत्री के मुताबिक उन्हें लगता है कि पाकिस्तान में अलकायदा और तालिबान सहित अन्य संगठनों का सिंडिकेट अमेरिका के अलावा भारत को भी नुकसान पहुंचा रहा है. पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आयीं हिलेरी ने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तानी लोगों को भी बिलकुल सीधे संदेश भेजे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष पाकिस्तान के भविष्य की स्थिरता तथा पाकिस्तान की सुरक्षा के हित में है.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने न केवल पाकिस्तानी सरकार की तरफ से बल्कि पाकिस्तान के लोगों की ओर से भी एक प्रतिबद्धता देखी है और वे मानते हैं कि किसी देश के भीतर आतंकवाद उस देश के लिए खतरा है. हिलेरी क्लिंटन ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि पिछले छह माह में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की प्रतिबद्धता सामने आयी है, जो पाकिस्तान की पूरी सरकार में व्याप्त है. यही हमारी अपेक्षा भी है.’’

आतंकवाद से कोई भी सुरक्षित नहीं है
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के मुद्दे पर अमेरिका सरकार, सेना, नागरिक और खुफिया सभी स्तरों पर पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है. हिलेरी ने कहा, ‘‘हम इस पर निगरानी रख रहे हैं और हमें उम्मीद है कि वे आतंकवाद के सिंडीकेट के खिलाफ प्रगति करेंगे, जिसमें अल कायदा, तालिबान और कई अन्य आतंकी संगठन इस तरह से जुड़े हुए हैं कि गहराई से अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहे हैं और मुझे पता है भारत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. लेकिन ये अब पाकिस्तान को भी समस्या पहुंचा रहे हैं.’’ हिलेरी का कहना था कि आतंकवाद से कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस संकट के सामने खड़े होने की प्रत्येक देश की जिम्मेदारी है. यह किसी एक देश तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रत्येक राष्ट्र से यही अपेक्षा है क्योंकि हम सोचते हैं कि पूरी दुनिया में आतंकवादियों का नेटवर्क सभी लोगों के लिए खतरा है, जैसा हमने जकार्ता में देखा. विशेष तौर पर यह अमेरिका, भारत और इंडोनेशिया सरीखे लोकतंत्रों के लिए खतरा है, जो इस बात के लिए आतंकवादियों के निशाने पर रहते हैं कि हम संप्रभु और स्थिर राष्ट्रों में स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जी रहे हैं.’’ हिलेरी ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि हर देश आतंकवाद को सभी के लिए, सभी जगह खतरा माने और आतंकवादियों को कोई सुरक्षित पनाह नहीं मिले.

हर देश के आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की उम्‍मीद
हिलेरी ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक राष्ट्र से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं. हम इस पर नजर रख रहे हैं और अपेक्षा करते हैं कि ऐसा होगा.’’ उन्होंने कहा कि जानकारी साझा करने के लिए और लोगों की सुरक्षा के लिहाज से प्रभावी तरीकों के लिए अमेरिका भारत के साथ समन्वय बढ़ा रहा है. हिलेरी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खतरे के खिलाफ बहुत मेहनत करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने प्रत्येक राष्ट्र से यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की जिम्मेदारी केवल भारत की, अमेरिका की या यूरोप की नहीं बल्कि सभी की है. उन्होंने कहा, ‘‘जो प्रतिक्रिया मिलती है क्या हम उससे संतुष्ट हैं? बिलकुल नहीं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना बंद कर देंगे.’’ हिलेरी ने यह भी कहा कि आतंकवाद की समस्या को खत्म करने में अमेरिका से ज्यादा प्रतिबद्ध देश कोई नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने युवक युवतियों को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में शहीद होने के लिए सेना में भेजा है.’’

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