पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को कहा कि तेल और गैस इंपोर्ट करने वाली लॉबी हर ऑयल मिनिस्टर को धमकाती हैं. उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए. एनडीए शासन काल में पेट्रोलियम और ऑयल मिनिस्टर रहे राम नाईक ने कहा है कि मोइली को उन कंपनियों का खुलासा करना चाहिए, जो ऐसा कर रही हैं.
मोइली घरेलू ब्लॉक से निकाली जाने वाली नेचुरल गैस की कीमतों के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने सरकार की नई प्राइस पॉलिसी का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं, उनके तर्क गलत हैं. इसी क्रम में उन्होंने धमकी वाला बयान दिया. बकौल मोइली, ‘इस विभाग को संभालने वाले हर मंत्री को इंपोर्ट लॉबी धमकाती है. ये लॉबी फैसलों में बाधा पहुंचाने की कोशिश करती है. कई बार फैसलों को रुकवाया भी जाता है, लेकिन मैं धमकी में आने वाले लोगों में से नहीं हूं.’
इस बयान पर वामपंथी दलों ने मोइली को झूठा करार दिया. सीपीआई के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि मोइली अव्वल दर्जे के झूठे हैं. उन्हें अदालत जाना चाहिए. दासगुप्ता ने आरोप लगाया कि मोइली बेईमान हैं और बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रहे हैं.