चुनाव आयोग ने मिलिंद देवड़ा के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना है. आयोग ने भविष्य में देवड़ा को इस प्रकार के बयान से बचने के लिए कहा है. चुनाव आयोग ने जिस मामले में नोटिस दिया है देवड़ा ने वह स्पीच 2 अप्रैल को दी थी. आयोग ने देवड़ा के बयान को अनुच्छेद 1 और 3 का उल्लंघन माना है, जिसके बाद उन्हें भविष्य में इस प्रकार के बयानों से बचने की सलाह दी गई है. मिलिंद देवड़ा का यह बयान महीने भर से भी ज्यादा पुराना है और उनके चुनाव क्षेत्र में वोटिंग हो चुकी है.
Election Commission: Speech delivered on 2nd April by Milind Deora, Congress found violative of the Model Code of Conduct (MCC). Commission censured and warned him to be more careful in the future. (file pic) pic.twitter.com/t7SISR7y7j
— ANI (@ANI) May 13, 2019
अप्रैल को जावेरी बाजार में मिलिंद देवड़ा ने कहा था कि जैन समुदाय को उस विशेष पार्टी को एक मंदिर के पास मांस पकाने के लिए सबक सिखाना चाहिए. शिवसेना ने जैन मंदिर के बाहर मीट पकाकर जैन समुदाय का अपमान किया था.
महाराष्ट्र की मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर चौथे चरण की वोटिंग के तहत सोमवार को वोट डाले गए थे. चुनाव आयोग से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर 50.69 फीसदी मतदान हुआ. वहीं महाराष्ट्र में 56.54 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. शिवसेना ने यहां से अरविंद सावंत को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस की ओर से मिलिंद देवड़ा मैदान में थे. बहुजन समाज ने यहां से मिस्त्रीलाल गौतम को उम्मीदवार बनाया.
सीट का इतिहास1952 से यहां 1967 तक इस सीट पर कांग्रेस काबिज रही. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के बैनर पर लड़े जॉर्ज फर्नांडीज ने कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ा और 1967 के चुनावों में जीत हासिल की. 1971 में फिर से सीट कांग्रेस के पास चली गई. 1977 से 1984 तक ये सीट भारतीय लोक दल और जनता पार्टी के पास रही.
उसके बाद 1984 से 1996 तक यहां कांग्रेस के मुरली देवड़ा का एकछत्र राज रहा. 1996 में उनके तिलिस्म को बीजेपी की जयवंतीबेन मेहता ने तोड़ा, लेकिन 1998 में फिर से मुरली देवड़ा को यहां से जीत हासिल हुई. 1999 में फिर जयवंतीबेन मेहता ने विजय हासिल की. 2004 में मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस के टिकट पर लड़कर इस सीट को हासिल किया जो 2014 तक इनके पास रही. 2014 में शिवसेना के अरविंद सावंत ने कांग्रेस के हाथ से ये सीट छीन ली.