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वांगचुक बोले- चीन को सिखाना है सबक तो सॉफ्टवेयर की तरह चिप भी बनाना जरूरी

शिक्षाविद् और इनोवेटर्स सोनम वांगचुक ने मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स के बहिष्कार को लेकर मुहिम की शुरुआत कर दी है. उन्होंने कहा कि अब हमें अपने प्रोडक्शन पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर हम प्रोडक्शन बढ़ाएंगे तो चीन को सही जवाब मिलेगा.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

  • वांगचुक ने चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार को लेकर शुरू की मुहिम
  • ट्रेंड कर रहा #BoycottChineseProducts, कई ने किया समर्थन

भारत-चीन के बीच तकरार जारी है. लद्दाख में LAC पर तनातनी के बाद भारत की ओर से चीन की हर चाल पर पैनी नजर रखी जा रही है. वहीं, सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #BoycottChineseProducts ट्रेंड कर रहा है. चीन को सबक सिखाने के लिए चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम में बॉलीवुड, कॉमेडियन, टिकटॉक स्टार खड़े हो गए हैं.

शिक्षाविद् और इनोवेटर्स सोनम वांगचुक ने मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स के बहिष्कार को लेकर मुहिम की शुरुआत कर दी है. इंडिया टुडे के न्यूज ट्रैक प्रोग्राम में वांगचुक ने कहा कि हमें अब प्रोडक्शन बढ़ाने की जरूरत है. प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ हमें दूसरे देशों को आमंत्रित करना होगा. बिना चीन के सपोर्ट के भी हम दूसरे देशों के साथ प्रोडक्शन बढ़ा सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि अभी हम दवाओं के कच्चे माल, इलेक्ट्र्रॉनिक आइटम जैसी कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर हैं क्योंकि इनमें से ज्यादातर सामानों का उत्पादन भारत में कम होता है. उन्होंने कहा कि चीन इमोशनल सेंटिमेंट से खेल रहा है. सीमा पर तनाव के दौरान ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन ये सबसे बेहतर वक्त है कुछ करने का.

चीन को मिलेगा सही जवाब

उन्होंने कहा कि अब हमें अपने प्रोडक्शन पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर हम प्रोडक्शन बढ़ाएंगे तो चीन को सही जवाब मिलेगा. अभी तक हमारा फोकस सॉफ्टवेयर सेक्टर में ज्यादा रहा है, लेकिन अब हमें चिप भी बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस तरह सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए चीन बाजार पर कब्जा जमाए हुए हैं, उससे प्राइवेसी का भी खतरा है. इस बात को भी हमें समझने की जरूरत है.

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चिप प्रोडेक्शन के लिए बड़े निवेश की जरूरत

चर्चा में शामिल रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि कहीं न कहीं से हमें शुरुआत करनी होगी. अब समय आ गया है कि भारत प्रोडक्शन को बढ़ावा दे, ताकि चीन पर उसकी निर्भरता न रहे. बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू होगा तो उसका असर चीन के बाजार पर निश्चित तौर पर पड़ेगा.

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वहीं, चर्चा के दौरान चीनी एक्सपर्ट EINAR TANGEN ने कहा कि चीन को इस पर कोई आपत्ति नहीं है. चीन चिप टेक्नोलॉजी के मामले में सबसे आगे है. भारत चाहे तो साउथ कोरिया, ताइवान और जापान से भी खरीद सकता है, लेकिन इसके प्रोडक्शन के लिए बड़े निवेश की जरूरत होगी.

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