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संसद में हंगामे के बीच शिक्षा विधेयक दरकिनार

देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक महत्वपूर्ण विधेयक संसद के दोनों सदनों में हंगामे व बार-बार कार्यवाही बाधित के कारण अलग-थलग पड़ गया है.

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एम.एम. पल्लम राजू
एम.एम. पल्लम राजू

देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक महत्वपूर्ण विधेयक संसद के दोनों सदनों में हंगामे व बार-बार कार्यवाही बाधित के कारण अलग-थलग पड़ गया है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री एम.एम. पल्लम राजू ने हालांकि अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है, जबकि संसद के शीतकालीन सत्र के समापन में केवल चार दिन ही बचे हैं.

शिक्षा विधेयक पारित होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर राजू ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि विधेयक पारित हो जाएगा। इस विधेयक को प्रत्येक दिन कार्यसूची में रखा जा रहा है लेकिन सदन की कार्यवाही बाधित हो जाती है.' संसद के इस सत्र में बहस और पारित होने के लिए शिक्षा से सम्बंधित तीन विधेयक कार्यसूची में हैं. ये विधेयक शिक्षा न्यायाधिकरण के गठन, शिक्षा में कदाचार को रोकने और नोडल मान्यता प्राधिकरण के गठन से सम्बंधित हैं. साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक-2012 तथा बिहार में दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना का भी इन विधेयकों में प्रावधान है. इन विधेयकों को लोकसभा की कार्यसूची में 26 नवम्बर को ही शामिल कर लिया गया था.

सरकार के सूत्रों का कहना है कि 22 नवम्बर से शुरू होकर 20 दिसम्बर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील सरकार का मुख्य एजेंडा था बड़े आर्थिक मामलों से सम्बंधित विधेयकों को पारित कराना. यही वजह है कि शिक्षा से सम्बंधित विधेयकों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

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उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में लगभग समूचे विपक्ष ने खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत बहस कराने की मांग को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रखी. फिर प्रोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को जल्द पारित कराने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) हंगामा कर दोनों सदनों को बाधित करती रही है.

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