योजना आयोग ने मंगलवार को दोहराया कि इस साल दिसंबर तक महंगाई की दर घटकर छह प्रतिशत पर आ जाएगी. साथ ही आयोग ने कहा कि निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि दर दस प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘दिसंबर तक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी. महंगाई की दर धीरे-धीरे नरम हो रही है.’ पिछले पांच माह से मुद्रास्फीति दो अंक में बनी हुई है. जून में महंगाई की दर 10.55 प्रतिशत पर थी.
अहलूवालिया ने कहा, ‘देश निकट भविष्य में 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है. किसी भी स्थिति में ऐसा होगा ही, हमें प्रशासन को सही दिशा देनी होगी.’ 2005-06 से 2007-08 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर नौ प्रतिशत से अधिक रही थी. 2008-09 और 2009-10 में इसमें गिरावट आई. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में जो कदम उठाए हैं उनका असर अगले चार माह में ही दिखाई देगा. उन्होंने कहा, ‘मौद्रिक नीति का असर चार माह बाद दिखाई देता है. आपने पिछले हफ्ते जो कदम उठाया है उसका असर अक्तूबर में दिखाई देगा.’ {mospagebreak}
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में रेपो दरों में 0.25 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी. हालांकि केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कोई बदलाव नहीं किया था. बैंकों को अपनी जमा का एक हिस्सा केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है. सीआरआर ही वह दर होती है.
केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए जाने वाले और मौद्रिक उपायों के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा, ‘यह चांदनी चौक में कार चलाने की तरह है. तीन मिनट बाद आपको क्या करना है, यह ट्रैफिक पर निर्भर करता है. मेरा मानना है कि वह (आरबीआई) सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.’
उन्होंने कहा कि मानसून की स्थिति सामान्य रहने तथा खाद्यान्न उत्पादन बेहतर रहने के साथ सरकार द्वारा जारी खाद्यान्न से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी. ‘हमने ज्यादा खाद्यान्न जारी किया है. मानसून भी सामान्य है. खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति भी अच्छी नजर आ रही है. इन कारणों के साथ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से महंगाई नीचे आएगी.’