दिल्ली विधानसभा में बुधवार को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में भड़की हिंसा का मामला गरमाया रहा. दिल्ली के मटिया महल से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक शोएब इकबाल ने पुलिस कमिश्नर को सदन में बुलाने की मांग उठाई. वहीं, चांदनी चौक से AAP विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी ने उप राज्यपाल की कार्य शैली पर सवाल खड़े किए.
प्रह्लाद साहनी ने कहा, 'उपराज्यपाल के लिए मैं कहना चाहूंगा कि वो दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर के मालिक हैं. हमारे मंत्री उनके घर के सामने रात तक बैठे रहे और वो सोते रहे. उनकी हम भर्त्सना करते हैं और ऐसे उपराज्यपाल की दिल्ली को जरूरत नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'पुलिस कमिश्नर को सदन में बुलाया जाए और उनसे पूछा जाए कि उन्होंने दिल्ली के मंत्री का फोन क्यों नहीं सुना? उनके सिर पर प्रधानमंत्री-गृहमंत्री का हाथ है.' साहनी ने पुलिस कमिश्नर को सदन में बुलाने की मांग पर शोएब इकबाल का समर्थन किया.
दंगा करने वालों के साथ हैं गृहमंत्रीः अमानतुल्लाह
इसके अलावा दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने गृहमंत्री अमित शाह और उप राज्यपाल अनिल बैजल के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा, 'उपराज्यपाल ने शांति की अपील की थी. दिल्ली में हिंसा के दौरान 20 से ज्यादा लोगों का कत्ल हुआ और दुकानें जलाईं गईं. इस आगजनी और कत्लेआम के लिए कौन जिम्मेदार है? सारा षड्यंत्र बीजेपी का है. साल 2002 के दंगे में भी पुलिस दंगाईयों को छूट दे रही थी.'
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उन्होंने कहा, 'सीलमपुर में मैं था, जब दंगे हो रहे थे. मैं डीसीपी से आगजनी रोकने के लिए बोल रहा था और वो कह रहे थे कि प्रदर्शन हटवाओ. हमने हर दरवाजे को खटखटाया फिर उपराज्यपाल के यहां पहुंचे. इस दौरान फोन पर मैं डीसीपी को बोलता रहा कि भजनपुरा, जाफराबाद और सीलमपुर में आग लग रही है, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची.'
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. साथ ही उपराज्यपाल पहले पुलिस कमिश्नर को हटाएं और फिर इस्तीफा दें.
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जिन्हें रिसर्च करना चाहिए, उनके हाथ में लाठी-डंडे हैं
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को विश्वस्तरीय बनाया जा सकता है, बशर्ते दिल्ली में शांति बरकरार रहे. मुझे छात्रों की परीक्षाएं स्थगित करानी पड़ीं. जिन्हें रिसर्च करना चाहिए उनके हाथों में लाठी-डंडे हैं, जिनकी अच्छी सैलरी पैकेज आनी चाहिए थी उनके शव आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो भी दंगा भड़काते हुए घूम रहे हैं, उन्हें जेल जाना चाहिए. फिर वो चाहे पूर्व विधायक हों, या वर्तमान विधायक, उनकी जगह जेल में ही होनी चाहिए.