विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को संसद में कहा कि इटली के नौसैनिकों को सजा-ए-मौत नहीं दी जाएगी. इससे पहले खुर्शीद ने कहा कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के नौ सैनिकों की भारत वापसी सुनश्चित करने में कूटनीति ने अपना काम किया और इसे खारिज नहीं किया जा सकता. खुर्शीद ने कहा, ‘आपको कूटनीति को जल्द खारिज नहीं करना चाहिए. कहा जा सकता है कि जब सारी चीजें विफल हो जाती हैं तब भी कूटनीति काम करती है. कूटनीति को अपना काम करने का मौका दीजिये.’
इटली पर बरसीं सोनिया, कहा पूरा करे किया वादा
उन्होंने इस मामले में सफलता का श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिया. खुर्शीद ने कहा, ‘यह सरकार जिस कूटनीति का अनुसरण कर रही है, उसका नेतृत्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष ही कर रहे हैं. हमारे बीच से किसी के लिए भी इसका श्रेय लेना अनुचित होगा.’
विदेश मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अगले सप्ताह वैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार ताजा घटनाक्रम की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने इस मुद्दे पर संसद को भी भरोसे में लेने की बात कही.
इटली के राजदूत के देश छोड़ने पर रोक रहेगी जारी
खुर्शीद ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर संसद को भी भरोसे में लेंगे. इस बारे में संसद को बताया जाएगा, क्योंकि संसद का सत्र चलने के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा था.’
इससे पहले केंद्र सरकार ने आरोपी इतालवी नौ सैनिकों के देश लौटने की घोषणा की थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘कूटनीतिक स्तर पर संपर्क किए जाने के बाद इटली ने बताया कि नौ सैनिक भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर लौट जाएंगे.’
इटली के राजदूत डेनियल मेंसिनी ने सुप्रीम कोर्ट से वादा किया था कि देश के आम चुनाव में मतदान के बाद वे 22 मार्च तक भारत लौट आएंगे. लेकिन 11 मार्च को इटली ने अपने नौ सैनिकों को यहां भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा हो गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इटली के राजदूत के देश छोड़ने पर भी पाबंदी लगा दी.
इटली के नौ सैनिकों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर गोली चला देने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी. इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है.