पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि 50 लाख मुस्लिम घुसपैठियों की पहचान की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें देश से बाहर कर दिया जाएगा. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए घोष ने कहा, सबसे पहले उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा. फिर दीदी (सीएम ममता बनर्जी) किसी का तुष्टीकरण नहीं कर सकती हैं. एक बार यह हो जाने के बाद दीदी के वोट कम हो जाएंगे और आने वाले चुनावों में हमें 200 सीटें मिलेंगी, उन्हें 50 सीटें भी नहीं मिलेंगी.
Dilip Ghosh, West Bengal BJP Chief: Once this is done Didi's (CM Mamata Banerjee) votes will be reduced and in the coming elections, we will get 200 seats, she will not even get 50 seats. https://t.co/2ZCH4zp5Mn
— ANI (@ANI) January 19, 2020
दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रविवार को यह बात कही. उन्होंने अभी हाल में एक और विवादित बयान दिया था. घोष ने 12 जनवरी को बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक में गोली मार दी गई.
दिलीप घोष ने कहा था कि राज्य में एक करोड़ घुसपैठिए हैं. उन्होंने पिछले महीने सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान 500-600 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट होने का आरोप भी लगाया था. घोष ने कहा था, "क्या यह उनके पिताजी की संपत्ति है? वे कैसे सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो करदाताओं के पैसों से बनी है? उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों पर गोली चलाकर बिलकुल ठीक काम किया."
घुसपैठियों पर विवादित बयान
घुसपैठियों को लेकर उन्होंने कहा था कि तुम यहां आते हो, हमारा खाना खाते हो, यहां रहते हो और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हो. उनके इस बयान से हालांकि बीजेपी ने पल्ला झाड़ लिया था. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने दिलीप घोष के बयान पर पार्टी की ओर से सफाई देते हुए टि्वटर पर लिखा था, "दिलीप घोष ने जो कुछ भी कहा है, उससे बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है. यह उनकी काल्पनिक सोच है. उत्तर प्रदेश और असम में बीजेपी सरकार कभी भी किसी भी वजह से लोगों को गोली नहीं मारती है." उन्होंने ट्वीट किया, "यह दिलीप घोष का बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान है."