देश की राजधानी दिल्ली में काले कोट बनाम खाकी की लड़ाई पिछले चार दिन से जारी है. शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत हुई तो मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवान इंसाफ मांगने के लिए सड़क पर उतर आए. अब आज इस मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, इस मामले में अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था.
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09.54 AM: दिल्ली पुलिस और वकील के विवाद पर पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि अधिकार और उत्तरदायित्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, नागरिकों को इसे नहीं भूलना चाहिए. हम जो भी हो और कहां भी हो. अगर हम सभी कानून का पालन करते हैं तो कोई विवाद नहीं होता है.
Rights and Responsibilities are two sides of the same coin.We as citizens must never forget this. Whoever and wherever we be. We need a major shift in our emphasis in this regard.
When we all excercise our responsibility of being law abiding there is no conflict @ANI @PTI_News
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 6, 2019
09.00 AM: मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया, अब इसी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट में वकील वरुण ठाकुर ने इस मामले में लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें लिखा गया है कि पुलिस के आला अधिकारियों ने वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए हैं. इसके अलावा नोटिस में मांग की गई है कि धरने में जो पुलिस जवान शामिल हुए हैं, उनकी पहचान की जाए और कार्रवाई की जाए.
08.00 AM: वकीलों से विवाद के बाद धरने पर बैठी दिल्ली पुलिस काम पर लौट आई है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर रोज की तरह जवान तैनात हैं. आजतक से बातचीत करते हुए दिल्ली पुलिस के जवान ने कहा कि हमारा जनता ने साथ दिया. कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर के आश्वासन पर हमें भरोसा है.
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अभी भी जारी है वकीलों का विरोध
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई की अपील की थी, जिसके बाद अब अदालत ने BCI और अन्य काउंसिल को नोटिस जारी किया है. हालांकि, वकीलों का कहना है कि वह जिला अदालतों में अभी भी हड़ताल पर रहेंगे. वकीलों का कहना है कि जबतक बदतमीजी करने वाले पुलिसकर्मियों पर एक्शन नहीं होगा तो वह काम पर नहीं लौटेंगे.
पुलिसकर्मियों ने खत्म किया अपना धरना
वकीलों के द्वारा किए जा रहे हमले के खिलाफ दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवानों ने मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. जवानों ने उनके साथियों पर हुए केस को वापस लेने, वकीलों पर एक्शन लेने की मांग की थी. करीब 10 घंटे के धरने के बाद जब मांगों को मानने का आश्वासन दिया गया तो प्रदर्शन खत्म हुआ. साथ ही दिल्ली पुलिस ने अपने उन जवानों के लिए 25 हजार रुपये देने की बात कही है, जो तीस हजारी कोर्ट की हिंसा में घायल हो गए थे.

एक्शन में आया गृह मंत्रालय
खाकी वर्दी वाले जब पूरे दिन सड़क पर इंसाफ की मांग कर रहे थे तो हर किसी की नज़र गृह मंत्रालय की तरफ थी. क्योंकि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्रालय के अंडर में आता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गृह सचिव के साथ बैठक की, उसके बाद मंत्रालय की ओर से कहा गया कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है. जांच के नतीजे का इंतजार करना चाहिए. गृह मंत्रालय मामले में पूरी नजर बनाए हुए हैं.
इसके अलावा गृह मंत्रालय की ओर से ही कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है जिसमें अपील की गई है कि 3 नवंबर को दिए गए उस आदेश पर विचार किया जाए जिसमें वकीलों के खिलाफ एक्शन ना लेने की बात कही गई है.
दिल्ली पुलिस के समर्थन में आए देश के IAS
पुलिस वाले जब दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब देश के अन्य राज्यों के IAS एसोसिएशन दिल्ली पुलिस के समर्थन में आ गए थे. हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के IAS एसोसिएशन , रिटायर्ड पुलिस अफसरों ने ट्वीट कर या प्रेस रिलीज जारी कर दिल्ली पुलिस के जवानों का समर्थन किया.
दिल्ली पुलिस के जवानों को किरण बेदी का साथ
दिल्ली पुलिस में सीनियर ऑफिसर रह चुकीं किरण बेदी दिल्ली पुलिस के जवानों के समर्थन में आईं. उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में पुलिस-वकीलों की हिंसक झड़प पर दिल्ली पुलिस को सलाह दी है कि पुलिस अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे चाहे नतीजा कुछ भी हो. बता दें कि बुधवार दोपहर को दिल्ली पुलिस के जवान प्रदर्शन करते वक्त नारे लगा रहे थे, ‘हमारा CP कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’.