देश की राजधानी दिल्ली में कानून के रक्षक और कानून की दलीलें देने वाले आमने-सामने हैं. शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में एक मामूली बात पर पुलिस और वकीलों के बीच भिड़ंत हो गई, बाद में वकीलों ने आगजनी की और पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. बस इसी वजह से ये विवाद बढ़ता चला गया जो कि एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट और एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंच गया. अब दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिस जवान इंसाफ के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांग को लेकर अड़े हैं.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में एक वकील की गाड़ी पार्किंग को लेकर शुरू हुआ विवाद, पहले गिरफ्तारी, फिर हिंसक झड़प और बाद में सड़क पर खुली लड़ाई तक पहुंच गया. भिड़ंत के बीच दिल्ली पुलिस की ओर से फायरिंग भी की गई. दो वकील घायल हो गए. जिसके बाद वकील ज्यादा भड़क गए और पुलिस जीप और वहां मौजूद कई वाहनों में आग लगा दी गई.
वकीलों का आरोप है कि जब दिल्ली पुलिस की ओर से फायरिंग की गई तो वह वहां मौजूद एक वकील के सीने में लग गई. शनिवार को तीस हजारी कोर्ट के बाद दिल्ली के साकेत, कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया. इसके बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में वकील ने पुलिस जवान की पिटाई कर दी.
After Tis Hazari, Karkardooma, it's Saket court today. No fear of the law and tearing apart the order. No argument can justify this behaviour. What's more surprising is the way @DelhiPolice is handling with its hands tied due to lack of a strong leadership at the top. pic.twitter.com/SdnQ4uG9HO
— Sidharth Bhardwaj (@SidharthB25) November 4, 2019
क्या है पुलिसकर्मियों की मांग?
अब इस मामले में पुलिस और वकील आमने-सामने हैं और अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस के बाहर पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं उनका कहना है कि इस वक्त वह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, क्योंकि जहां पर वकीलों का गुट किसी पुलिसकर्मी को देख रहा है तो वह उसपर हमला कर दे रहा है. जैसा कि तीस हजारी कोर्ट के बाद साकेत कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों ने पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया था.
पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनकी बात को सुना जाए, जिन वकीलों ने गलती की है कि उन्हें भी सजा मिले सिर्फ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड ना किया जाए. अपनी इसी मांग को लेकर दिल्ली पुलिस के जवानों ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन किया.
क्या है वकीलों की मांग?
अगर वकीलों की बात करें तो उनकी एक ही मांग है कि जिन पुलिसकर्मियों ने तीस हजारी कोर्ट के बाहर फायरिंग की और वकीलों की पिटाई की है उन्हें सस्पेंड किया जाए. दरअसल, जिस वक्त वकील तीस हजारी कोर्ट के गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे तब एक-दो वकील अंदर आ गए थे, जिन्हें पुलिसवालों ने जमकर पीटा था.
देशभर के IPS आए एक साथ
पुलिस और वकीलों के बीच हुई भिड़ंत के मुद्दे पर देश के कई IPS ने ट्वीट कर पुलिस जवानों का साथ दिया. कई IPS ने ट्वीट कर लिखा कि पुलिसकर्मियों के लिए मानवाधिकार के नियम लागू होने चाहिए, उनका भी परिवार है. ऐसे में पुलिस जवानों पर हमला करने वाले वकीलों पर भी एक्शन होना चाहिए.
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