दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में रविवार शाम को जो हिंसा हुई उसपर विवाद शुरू हो गया है. इस हिंसा के दौरान पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं और हिंसा को समय से ना रोकने का आरोप लग रहा है. इस बीच दिल्ली पुलिस के वकील ने भी JNU की हिंसा पर की निंदा की है, साथ ही दिल्ली पुलिस के बर्ताव पर भी सवाल उठाए हैं. राहुल मेहरा ने ट्विटर पर लिखा कि उनका सिर शर्म से झुक रहा है.
दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा ने रविवार को ट्वीट किया और पुलिस के एक्शन पर सवाल किया. उन्होंने लिखा कि दिल्ली पुलिस का वकील होने के नाते मेरा सिर शर्म में झुका जा रहा है, जो वीडियो मेरे सामने आए हैं. उनमें छात्रों को मारा जा रहा है, प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाय जा रहा है. ऐसे में हमारी दिल्ली पुलिस की फोर्स कहां पर है?
I, as Standing Counsel @DelhiPolice, hang my head in shame after witnessing video clips of goons merrily entering JNU campus, creating mayhem &grievously injuring innocent students, damaging public property and then exiting the campus in capital city. Where is our force @CPDelhi?
— Rahul Mehra (@TheRahulMehra) January 5, 2020
राहुल मेहरा ने लिखा कि अगर अभी भी किसी को शक है तो उसे देखने की जरूरत है कि विक्टिम कौन है और आक्रमण कौन कर रहा है. वो जो एबीवीपी के हैं या फिर लेफ्ट सपोर्ट वाले हैं?
In case there is still any doubt &one needs to find out as to who exactly has been the aggressor &who the victim at #JNU then all that needs to done is to take stock of who really sustained injuries? Those who belong to ABVP or the Left backed student group? #दूधकादूधपानीकापानी
— Rahul Mehra (@TheRahulMehra) January 5, 2020
बता दें कि रविवार शाम को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कई नकाबपोश गुंडों ने कैंपस में हमला किया, कई छात्रों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई. इस दौरान जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष इस हमले में घायल हो गईं. शाम को हुई हिंसा के बाद से ही दिल्ली की सड़कों पर हलचल तेज रही.
कई प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं कई नेता भी जेएनयू पहुंचे. हालांकि, योगेंद्र यादव समेत कई अन्य नेताओं को छात्रों से मिलने नहीं दिया गया.
दिल्ली पुलिस अब इस मामले में जांच में जुट गई है. पुलिस की ओर से एक टीम का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई सीपी शालिनी सिंह कर रही हैं. हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस का कहना है कि अभी उन्होंने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, हालांकि उन्हें कुछ शिकायतें जरूर मिली हैं.