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भारी प्रदूषण के बीच हो रहे मैराथन पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई हैरानी

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता के बारे में लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि लैंडफिल साइटों पर आग लगने से होने वाला प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है.

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एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया
एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया

राजधानी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है. ऐसे में 20 नवंबर को होने वाली मैराथन में जो दौड़ सकता है वो कहीं भी दौड़ सकता है. ये कहा है, दिल्ली हाई कोर्ट ने. ये टिप्पणी वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने की. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण तय मानकों से चार गुणा अधिक है. ऐसे में ये हैरानी की बात है कि यहां मैराथन का आयोजन किया जा रहा है.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता के बारे में लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि लैंडफिल साइटों पर आग लगने से होने वाला प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है. क्योंकि इसमें पीएम 10 व 2.5 की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. कैंसरकारी तत्व भी होते हैं. ऐसे में नगर निगम इन पर तुंरत काबू पाए और इन्हें रोके. प्रदूषण के मद्देनजर एमसीडी और बाकी एजेंसियों को निर्माण के काम से होने वाली धूल, पटाखों से होने वाले धुंए पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

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पूछा कैसे खत्म होगी समस्या
हाईकोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब की ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों को इंटर स्टेट परमिट देने पर विचार करने को भी कहा है. कोर्ट ने कहा कि सभी इस मुद्दे पर अपने जवाब दायर करें. हाईकोर्ट ने फसलों को जलाने से होने वाले प्रदूषण पर पंजाब को कहा कि वह हलफनामा दायर करे और बताए कि 2017 तक इस समस्या को कैसे खत्म किया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान इस बात का भी जिक्र हुआ कि राजधानी में कुल 1,84,000 टैक्सी हैं. इसमें से 88,623 डीजल से चलती हैं. 40 हजार केवल दिल्ली की है और बाकी पर ऑल इंडिया परमिट है जो ज्यादातर पड़ोसी राज्यों से आती हैं. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

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