मंगलवार से शुरु हुए दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के लिए दिल्ली सरकार ने मीडिया के लिए कड़े नियम बनाए हैं. दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र 8 अगस्त से शुरु होकर 11 अगस्त तक चलेगा. नए नियमों के तहत विधानसभा सत्र के दौरान अब मीडियाकर्मी विधानसभा की इमारत में बने गैलरियों में विधायकों और मंत्रियों से बात नहीं कर सकेंगे.
अभी तक सदन से बाहर निकलने पर मीडियाकर्मी विधायकों और मंत्रियों से बात कर लेते थे. लेकिन नए नियम के बाद विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन तस्वीर काफी अलग दिखी. आमतौर पर मीडियाकर्मियों से भरी रहने वाली गैलरियां मंगलवार को खाली पड़ी थी और केवल सुरक्षाकर्मी ही वहां मौजूद रहे.
हालांकि नियमों में इस बात की छूट दी गई है कि मीडियाकर्मी चाहें तो गैलरी में ना जाकर विधानसभा परिसर के लॉन में विधायकों या मंत्रियों से बात कर सकते हैं. इसके अलावा गैर मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों को भी संस्थान की ओर से जारी लेटरहेड पर एडिटर के दस्तखत के बाद विशेष पास दिए गए जिसे दिखाकर ही वो विधानसभा परिसर के अंदर दाखिल हो सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों की ओबी वैन भी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी डीआईपी दफ्तर में जमा कराने के बाद ही विधानसभा में दाखिल हो पाई. दरअसल, पिछले विशेष सत्र के दौरान जिस तरह से विधानसभा परिसर में हंगामा हुआ उसके बाद दिल्ली सरकार ने ये दिशानिर्देश जारी किए थे ताकि कोई अवांछित तत्व परिसर में दाखिल ना हो और पहले जैसी घटना की पुनर्रावृत्ति ना हो.
बीजेपी ने साधा निशाना
मीडियाकर्मियों के लिए बनाए गए नए नियमों को बीजेपी ने तानाशाही करार दिया. बीजेपी अकाली विधायक मंजिदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है. सिरसा ने कहा कि सरकार ने पहले दिल्ली सचिवालय में मीडिया की इंट्री बैन की फिर विधानसभा की कवरेज बंद की और अब गैलरी में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है. उन्होने कहा कि इस मुद्दे पर वो दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल से बात करेंगे.