पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए कैदी सरबजीत सिंह की लाहौर के जिन्ना अस्पताल में मौत हो गई. लाहौर की कोट लखपत जेल में 20 वर्षों से भी ज्यादा समय से बंद सरबजीत कैदियों के हमले में घायल हो गए थे. छह दिनों तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद वे मौत के आगे हार गए.
सरबजीत की मौत पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है. प्रधानमंत्री और सत्ताधारी गठबंधन से लेकर विपक्षी दलों ने भारतीय कैदी को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है. संसद में भी यह मसला जोरदार तरीके से उठा.
उनकी मौत को उतार-चढ़ाव से भरे भारत-पाकिस्तान संबंध को लगे एक नए झटके के रूप में देखा जा रहा है. पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. बुधवार देर रात पाकिस्तानी समयानुसार रात 12:45 (भारतीय समयानुसार 1:15 बजे) लाहौर के जिन्ना अस्पताल ने सरबजीत की मृत्यु की घोषणा की.
सरबजीत के साथ ही 23 वर्षों से चली आ रही उनकी त्रासदी का अंत हो गया. परिवार के मुताबिक अगस्त 1990 में सरबजीत नशे की हालत में गलती से सीमा लांघ गए थे, जबकि पाकिस्तान उन्हें आतंकवादी और लाहौर व मुल्तान में हुए बम विस्फोटों का जिम्मेवार मानता था. 14 जिंदगियों को लीलने वाले उस धमाके के आरोप में सरबजीत को वहां की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी.
पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत पर 26 अप्रैल को चार से पांच कैदियों ने ईंट और अन्य धारदार वस्तुओं से हमला किया जिसके बाद वे गंभीर मूच्र्छा (डीप कोमा) में चले गए. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरबजीत सिंह की मौत कुछ और नहीं पाकिस्तानी जेल अधिकारियों की अभिरक्षा में हमारे नागरिक की हत्या है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को सरबजीत सिंह की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'मुझे सरबजीत की मौत का गहरा दुख है. वह देश के बहादुर सपूत थे, जिन्होंने बड़ी बहादुरी और धर्य के साथ मुसीबतों का सामना किया.' केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरबजीत की बहन दलबीर से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की.
बीजेपी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ने की मांग की. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, 'कूटनीतिक संबंध का स्तर कम किया जाए और भारतीय उच्चायोग को वापस बुला लिया जाए.' बीजेपी की नेता सुषमा स्वराज ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा, 'यह नृशंस हत्या है. एक सभ्य देश इस तरह का व्यवहार नहीं करता.'
इस भावनात्मक मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने सरकार की आलोचना की. ममता ने कहा, 'यह मामले को लचर तरीके से लिए जाने का परिणाम है.'
सरबजीत की रिहाई के लिए कठिन संघर्ष करने वाली उनकी बहन दलबीर कौर ने हालांकि गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर सरकार का हाथ मजबूत करने की अपील की.
उन्होंने कहा, 'वह भारत के लिए कुर्बान हो गया. जरदारी ने चुनाव के लिए मेरे भाई की हत्या करा दी.' हमले के बाद अस्पताल में भर्ती सरबजीत को देखने के लिए उनकी पत्नी और बेटियों के साथ गई दलबीर ने बुधवार को वहां से लौटने के बाद नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें हालत की सही जानकारी नहीं दी गई.
दलबीर ने दावा किया कि सरबजीत ने उन्हें पत्र लिखा था कि पाकिस्तानी अधिकारी आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लेने का उन पर दबाव डाल रहे हैं. सरबजीत की मौत के बाद छह सदस्यीय चिकित्सा दल ने गुरुवार को उनके शव का पोस्टमार्टम किया.
उधर, सरबजीत की मौत की खबर सुनने के बाद पंजाब स्थित उसके पैतृक कस्बे में शोक फैल गया. कस्बा पूरी तरह बंद है. कुछ स्थानीय निवासी स्थानीय गुरुद्वारे के बाहर जमा हो गए और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की.
पंजाब सरकार ने सरबजीत की बेटियों को सरकारी नौकरी देने की पेशकश की है और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. पंजाब के तरनतारन जिले के भिखीबिंड कस्बे में शुक्रवार को सरबजीत का अंतिम संक्कार किया जाएगा.