रूस के सहयोग से तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) में 2 नए रिएक्टर लगाने की योजना में कानूनी अड़चनें आ गई हैं. इससे जुड़े वाणिज्यिक समझौते पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को शिखर बैठक में दस्तखत होने की संभावना नहीं है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत के परमाणु सिविल दायित्व कानून संबंधी धारा को छोड़कर अन्य सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है. इस विषय पर भी दोनों पक्ष काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'बहरहाल कुछ भी हो, इस समझौते पर इस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर नहीं होंगे, क्योंकि यह एनपीसीआईएल (भारतीय कंपनी) तथा रोस्तातोम (रूसी संगठन) के बीच का वाणिज्यिक समझौता है. वे संभवत: इसे अलग से करना चाहेंगे.'
केएनपीपी परियोजना रूस के सहयोग से ही लगाई गई है. उसने इस परियोजना को भारत के परमाणु सिविल दायित्व कानून के दायरे में लाने का विरोध किया है. रूस चाहता है कि यह परियोजना इस मुद्दे पर अंत:सरकारी समझौते के अधीन आए. भारत का यह नया कानून परमाणु परियोजनाओं में मशीन और उपकरण आदि की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के नागरिक दायित्वों से जुड़ा है.
भारत ने असैन्य परमाणु परियोजनाओं में उपकरण की विफलता या गड़बडी़ के कारण किसी दुर्घटना की स्थिति में जवाबदेही को आपूर्तिकर्ता की गलती तक सीमित करने का प्रस्ताव किया है और रूस की चिंताओं को शांत करने की कोशिश की है. सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन से कहा गया है कि वह आपूर्तिकर्ताओं के लिए बीमे तथा प्रीमियम की मात्रा का ब्योरा तैयार करे.
सूत्रों ने कहा कि तीसरी व चौथी इकाई की स्थापना के लिए समझौता बस इसी एक पहलू को लेकर रुका है. उन्होंने कहा, 'सौदा बहुत ही करीब है. हमने एक मुद्दे को छोड़कर सभी को सुलझा लिया है. अब यह वकीलों के पास है. दोनों पक्षों के वकीलों को इस मंजूरी देनी होगी.' उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एक के अलावा सभी शर्तों पर सहमति जताई है.
क्या परमाणु दायित्व कानून की धारा एक अड़चन है, यह पूछने पर उन्होंने कहा, 'हां, यह विचाराधीन है.'
रूस के साथ व्यापारिक संबंधों के विस्तार पर सूत्रों ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा इस साल दो बार रूस आ चुके हैं और द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के लिये काफी कुछ किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि रूस से भारत आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है.